ऐसे लूटा जाता है जनता का धन- बसपा ने स्मारकों के लिए रोमानिया से लट्टू मंगाए!

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लखनऊ : पूर्व परिवहन मंत्री और बसपा प्रदेश अध्यक्ष रामअचल राजभर की लोकायुक्त जांच में मिली 10 अरब 33 करोड़ से अधिक की सम्पत्ति के बहाने सपा ने बसपा प्रमुख मायावती पर निशाना साधा है। पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने आरोप लगाया कि मंत्री ही नहीं, पूर्व मुख्यमंत्री ने भी पांच साल के कार्यकाल में घोटाले और मोटा कमीशन वसूलने का काम किया। उन्होंने कहा कि स्मारक घोटाले की जाच में यह बात उजागर हुई है कि बसपाराज में रोमानिया से आयातित बत्तिया लगाने का निर्णय हुआ था। लेकिन 10 फीसदी बत्तिया ही आयात की गयीं। बाद में डुप्लीकेट बत्तिया लगाकर सरकारी धन की हेराफेरी की गई। करोड़ों का यह गोलमाल कोई अकेली घटना नहीं है। पत्थरों की ढुलाई और उनके लगाने में भी खूब मनमानी हुई। बसपा मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश को अपनी जागीर समझा और जगह-जगह अपनी प्रतिमाएं लगवाई।

चौधरी ने कहा कि बसपाराज में कितनी खुली लूट हुई थी इसके खुलासे हैरतअंगेज हैं। पूर्व मुख्यमंत्री को हीरों के हार और नोटों की मालाओं का शौक तो था, ही उनके मंत्रियों-विधायकों ने भी कम लूट नहीं मचाई। वह वसूली और अवैध कब्जे में जुटे रहे। हत्या, अपहरण और बलात्कार में उनकी संलिप्तता जगजाहिर रही। आधे दर्जन से ज्यादा मंत्री-विधायक तो बसपा राज में ही जेलयात्री बन गए थे। कुछ अब जेल की हवा खा रहे हैं और कुछ पर लोकायुक्त तथा सीबीआई जाच का फंदा कस रहा है। बसपा के पाच साल का राज सिर्फ अंधेरराज था जिसमें आम आदमी को हर जगह अपमानित होना पड़ता था।
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सपा प्रवक्ता ने कहा कि जांच में पता चला है कि बसपा प्रदेश अध्यक्ष राजभर ने अपने नाम पर 62 संपत्तिया खरीदी, इनमें केवल आठ संपत्ति परिवहन मंत्री बनने से पहले की है। उन्होंने कालेजों के नाम पर जमीनें खरीदी। खुद को ‘हिन्दू अनडिवाइडेड फैमिली’ घोषित किया मगर कोई कारोबार नहीं किया। उनका एक राम अवध स्मारक ट्रस्ट भी जाच की परिधि में आ गया है। चौधरी ने कहा कि युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शपथ लेते ही घोषित कर दिया था कि भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा । लोकायुक्त की जाच में जो बसपा के मंत्री फंसे है, उन्हें जेल का भय सता रहा हैं। वे जल्द ही जेल की हवा खाएंगे।

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