FARRUKHABAD : बीती रात शहर कोतवाली क्षेत्र के आवास विकास स्थित सिटी अस्पताल के सामने उस समय सीएमओ के चपरासी को अस्पताल कर्मचारियों ने पकड़ लिया जब वह टैक्सी से घर जा रहा था। टैक्सी से उतारने के बाद अस्पताल कर्मचारियों ने उसकी जमकर पिटायी की। यहां तक तो ठीक था। रात भर उसे बंधक बनाकर रखा। मामला पुलिस के संज्ञान में आने पर पुलिस ने कर्मचारी को जैसे तैसे छुड़ाकर उपचार के लिए भिजवाया।
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मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात चतुर्थश्रेणी कर्मचारी राकेश कुमार बाथम पुत्र अग्नेलाल निवासी हैवतपुर गढ़िया मऊदरवाजा बीती रात पल्स पोलियो की बैठक खत्म होने के बाद रात तकरीबन 9 बजे अपने घर जा रहा था। राकेश का आरोप है कि अचानक सिटी अस्पताल के आधा दर्जन कर्मचारी टैक्सी के सामने आ गये और टैक्सी से खींचकर उसे पहले जमकर पिटायी की और बाद में उसे अस्पताल में ही बंधक बना लिया। सीएमओ के कर्मचारी की अस्पताल में ही पिटायी की गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल में कर्मचारियों का किसी बात को लेकर कुछ युवाओं से विवाद हो गया था। विवाद करने के बाद युवा सड़क की तरफ भागे और टैक्सी में बैठ गये। पीछे से अस्पताल कर्मचारी उसे पकड़ने के लिए दौड़े तब तक अज्ञात युवक वहां से फरार हो चुके थे। टैक्सी में राकेश कुमार बाथम बैठा मिल गया। जिसे अस्पताल कर्मचारियों ने पकड़ लिया और जमकर उसकी पिटायी कर दी। हद तो तब हो गयी जब रात भर उसे इस बावत धुना गया कि वह भागे आरोपियों का नाम बताये।
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प्रातः पुलिस को जानकारी होने पर आवास विकास चौकी इंचार्ज इंद्रपाल सिंह मौके पर पहुंचे और बंधक राकेश कुमार को उपचार के लिए भिजवाया। मामले की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को हुई तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 राकेश कुमार ने कोतवाली फर्रुखाबाद को लिखित रूप से अस्पताल के दोषी कर्मचारियों पर रिपोर्ट दर्ज करने की तहरीर दी है। वहीं लोहिया अस्पताल के सीएमएस नरेन्द्र बाबू कटियार को भी लिखित रूप से अवगत कराया गया है कि वह घायल राकेश बाथम का इलाज पूरी सक्रियता के साथ करें। वहीं इस सम्बंध में सिटी अस्पताल के मैनेजर से बात की गयी तो उन्होंने इस सम्बंध में बात करने से ही इंकार कर दिया।
इस सम्बंध में राज्य कर्मचारी संघ के शेष नरायन सचान ने कहा है कि पीड़ित राकेश कुमार को इस तरह से अस्पताल कर्मचारियों द्वारा पीटना बिलकुल निराधार है। अगर दोषियों पर कार्यवाही नहीं हुई तो राज्य कर्मचारी आंदोलन पर उतारू होंगे। अस्पताल कर्मचारियों की इस तरह की गुन्डई बर्दास्त नहीं होगी।