विद्युत विभाग में एक और लाखों का घोटाला उजागर

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फर्रुखाबादः भ्रष्टाचार, अनियमितता, घपलों और घोटालों के लिए चर्चित विद्युत विभाग में लाखों रुपये का एक और घोटाला सामने आ गया है। ग्रामीण खण्ड के उपखण्ड अधिकारी ने विभागीय लिपिक के विरुद्व 4 लाख 73 हजार रुपये के गबन की तहरीर दी है। इससे पूर्व नगरीय खण्ड के भी एक लिपिक के विरुद्व 25 लाख रुपये से अधिक के घोटाले का मामला सामने आ चुका है।

विदित है कि ठेके पर विद्युत चोरी कराने से लेकर फर्जी बिल बनाने और बिलों के साापेक्ष धनराशि को हड़प जाने का विद्युत विभाग में पुराना इतिहास है। इस प्रकार की घटनायें हर दो चार माह में सामने आती हैं परन्तु लगता है कि इनको रोकने की  अधिकारियों में इच्छा शक्ति ही नहीं है।
विगत वर्ष नगर क्षेत्र के लिपिक महेन्द्र यादव के विरुद्व 25 लाख रुपये से अधिक के गबन की एफ आई आर करायी गयी थी। विभागीय जांच में आरोपों और अनियमितताओं की पुष्टि के बावजूद आज तक महेन्द्र को टर्मिनेट तक नहीं किया गया है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश के बावजूद सम्बंधित अधिकारी लगातार टाल मटोल करते आ रहे हैं। जाहिर है कि इसके पीछे अपचारी कर्मचारी को न्यायालय से राहत मिलने की मोहलत दी जा रही है।

इसी कड़ी में बुधवार को ग्रामीण खण्ड के उप खण्ड अधिकारी विजय शंकर ने गबन का एक और मामला पकड़ कर एफ आई आर दर्ज करायी है। विजय शंकर की ओर से दर्ज करायी गयी रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण खण्ड में राजस्व संग्रह लिपिक के तौर पर कार्यरत शीशराम पुत्र मिश्रीलाल निवासी बनखड़िया ने उसको आबंटित रशीद बुकों के सापेक्ष 4 लाख 73 हजार 244 रुपये का गबन किया है।
उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि यह धनराशि अभी तक हुई प्रारंम्भिक जांच में सामने आयी है। जांच में यह धनराशि और बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।