दिल्ली: लोकायुक्त मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में झटका खाए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की भाजपा सरकार अब बैक-डोर से लोकायुक्त की नियुक्ति में दखल देने के लिये लोकायुक्त विधेयक में संसोधन करने जा रही है । गुजरात विधानसभा में मोदी सरकार लोकायुक्त विधेयक संसोधन बिल पेश करने जा रही है । इस बिल के मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति का आखिरी फैसला मुख्यमंत्री का होगा। इसका सीधा मतलब यह होगा कि राज्य का सीएम ही अपने मन मुताबिक लोकायुक्त की नियुक्ति करेगा। मजेदार प्राविधान यह भी है कि शिकायत झूठी निकलने पर शिकायतकर्ता पर 20 हजार रुपये का जुर्माना और सजा भी भुगतनी होगी। विपक्ष ने इसे गुजरात में नरेंद्र मोदी का करप्शन माडल करार दिया है।
संविधान के अनुसार राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति राज्यपाल राज्य हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के परामर्श पर करता है लेकिन इस बिल के बाद गुजरात में लोकायुक्त की नियुक्ति करने के लिए सीएम से परामर्श लेना ही होगा। नए विधेयक में दो नए लोकायुक्त और चार उप लोकायुक्त का भी प्रावधान किया जा रहा है। राज्यपाल कमला बेनीवाल के जरिये लोकायुक्त की नियुक्ति को गुजरात की मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया था। अब नये विधेयक के अनुसर चयन समिति में मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी , दो वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और विपक्ष के नेता होंगेशामिल होंगे । समिति केवल नामों का सुझाव देगी। लोकायुक्त के चयन पर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री का ही होगा। यानी लोकायुक्त की नियुक्ति का फैसला सीधे सीधे मुख्यमंत्री मोदी के हाथ में आ जायेगा। बिल पास होने के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायधीश और राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं रह जाएगी।
वहीं सीएजी ने गुजरात सरकार पर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने की रिपोर्ट दी है। गुजरात विधानसभा में मंगलवार को ही मोदी सरकार सीएजी की रिपोर्ट पेश करेगी, जिसे लेकर हंगामे की आशंका है। रिपोर्ट के मुताबिक गलत कर्ज नीति की वजह से गुजरात के सरकारी खजाने को काफी नुकसान पहुंचाया गया है। सीएजी का मानना है कि बाकी राज्यों की तुलना में गुजरात ने शिक्षा और सेहत के क्षेत्र में कम खर्च किया है।
विपक्ष का कहना है कि रिपोर्ट जानबूझकर आखिरी दिन पेश की जा रही है ताकि कोई सरकार के भ्रष्टाचार पर सवाल न उठा सके। उसने इसे गुजरात में नरेंद्र मोदी का करप्शन माडल करार दिया है। गुजरात विधानसभा में मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने लोकायुक्त संशोधन बिल के खिलाफ पूरे राज्य में आंदोलन करने की धमकी दी है। कांग्रेस का आरोप है कि भ्रष्टाचार के आरोपों पर पर्दा डालने के लिए ही ये बिल लाया जा रहा है। कांग्रेस का कहना है बिल पास होने के बाद लोकायुक्त की नियुक्ति में मुख्य न्यायधीश और राज्यपाल की कोई भूमिका नहीं रह जाएगी। कांग्रेस का आरोप है कि मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहते हैं लोकायुक्त भ्रष्टाचार में उनका साथ दे इसलिए वो अपनी पसंद का लोकायुक्त लाना चाहते हैं।