किसानों के बैंक खातों में होगा गेहूं खरीद का सीधा भुगतान

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लखनऊ : आगामी एक अप्रैल से शुरू होने वाली गेहूं खरीद की तैयारियों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अफसरों से कहा कि किसानों को भुगतान में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी क्रय एजेन्सियां किसानों के खातों में गेहूं खरीद का सीधा भुगतान करेंगी। गेहूं खरीद में किसी भी तरह की गड़बड़ी या ढिलाई मिलने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गेहूं भंडारण, बोरों की उपलब्धता आदि सभी तरह की व्यवस्थाएं समय से पूरा करने के निर्देश दिये।

शुक्रवार को यहां शास्त्री भवन में मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि गेहूं खरीद का कार्यकारी लक्ष्य 60 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। इसके लिए 6000 क्रय केंद्रों को खोले जाने का काम युद्धस्तर पर किया जाए। किसानों को हर हाल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1350 रुपए प्रति क्विंटल दिलाया जाए।

गेहूं भंडारण की क्षमता को बढ़ाया जाए। एजेन्सियों को सही तौल करने की हिदायत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रय केंद्रो पर सभी जरूरी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। क्रय केंद्र इस प्रकार तय किए जाएं कि किसानों को अपना गेहूं लाने में कोई दिक्कत न हो। केंद्रों पर पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध हो। बोरों की कोई कमी न रहे। सही तौल के लिए इलेक्ट्रॉनिक कांटों की व्यवस्था हो। लोक निर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि यह विशेष ध्यान रखा जाए कि किसानों से गेहूं की खरीद में किसी भी दशा में बिचैलियों की भूमिका न हो।

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बैठक में मुख्यमंत्री को बताया गया कि क्रय केंद्रो का समय प्रात: 9 बजे से सायं 6 बजे तक रहेगा। प्रत्येक चार किलोमीटर की परिधि अर्थात आठ किलोमीटर की दूरी पर न्यूनतम एक केंद्र स्थापित किया जाएगा। हर केंद्र पर बोरों का बफर स्टॉक रखा जाएगा, जो जिलाधिकारी की अनुमति से ही उपयोग किया जा सकेगा। गेहूं के मूल्य का सीधा भुगतान किसानों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम से किया जाएगा।

बैठक में कृषि मंत्री आनंद सिंह, राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष एनसी बाजपेई, मुख्य सचिव जावेद उस्मानी, कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक रंजन सहित कई अधिकारी मौजूद थे।

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