अल्पसंख्यको की सम्पत्तियों पर निगाहे- कब्रिस्तान पर कब्जे के विरोध में क्रिश्चियन समुदाय

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4 3 2 1 5 0FARRUKHABAD: शहर कोतवाली क्षेत्र के बढ़पुर मेमोरियल चर्च के सामने बने पुराने कब्रिस्तान पर कब्जे को लेकर मसीह समुदाय भड़क गया। विवाद के साथ ही फर्रुखाबाद फतेहगढ़ मुख्य मार्ग जाम कर प्रशासन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गयी और वहीं आवास विकास चौकी इंचार्ज पर भी साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया। [bannergarden id=”8″]

फतेहगढ़ फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग पर स्थित बढ़पुर मेमोरियल चर्च के ठीक सामने पुराना कब्रिस्तान है। कब्रिस्तान तकरीबन 200 वर्ष पुराना बताया गया है। जिसकी बाउंड्रीबाल चारों तरफ से टूट चुकी है। जिस पर बाउंड्री बनाने के लिए लेखपाल अहशान व कानून गो लाल जी तिवारी पहुंचे। ईंटें व नगर पालिका का पानी का टेंकर पहले ही आ चुका था। कब्रिस्तान पर ईंटें पहुंचने पर आवास विकास चौकी इंचार्ज इन्द्रपाल सिंह भी पहुंच गये। यह बात जब मसीह समुदाय को पता चली तो पादरी हेराल्ड अमिताभ, किशन मसीह के अलावा समुदाय के प्रापर्टी इंचार्ज राकेश सक्सेना मौके पर पहुंच गये।

इनके पहुंचने के साथ ही तकरीबन डेढ़ सैकड़ा मसीह समुदाय की महिलायें व पुरुष, बच्चे व युवतियां हाथों में डन्डे लेकर पहुंचे और सड़क के किनारे काटी जा रही लकड़ियों को सड़क पर डालकर जाम लगा दिया। कुछ ही समय में सड़क के दोनो तरफ फतेहगढ़ फर्रुखाबाद मुख्य मार्ग बुरी तरह जाम हो गया। समुदाय के लोगों ने चौकी इंचार्ज इन्द्रपाल सिंह पर कब्जा कराने में मिलीभगत होने का आरोप लगाया और कहा कि दरोगा के ही इशारे पर यह सब हो रहा है। मामला उग्र देख फतेहगढ़ कोतवाल जितेन्द्र सिंह परिहार, शहर कोतवाल रूम सिंह यादव, महिला थानाध्यक्ष सुभद्रा वर्मा फोर्स के साथ मौके पर पहुंच गये और भीड़ को समझाने का प्रयास किया। लेकिन भीड़ शांत होने का नाम नहीं ले रही थी। मौके पर विवाद होता देख लेखपाल व कानून गो खिसक गये। स्थिति ज्यादा बिगड़ी तो मामले की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दी गयी। सूचना मिलने पर एडीएम कमलेश कुमार भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने निर्माण को न कराने और प्रापर्टी सम्बंधित कानूनी कागजात उनके कार्यालय में पेश करने के बाद ही कोई भी काम कराने की बात कही। फिलहाल खबर लिखे जाने तक प्रशासन, पुलिस के साथ मसीह समुदाय की वार्ता जारी थी।

इस दौरान राकेश डेविड, रूप डेविड, विजय दयाल, मीना कल्लो, शोभा सहाय, सुमन दयाल, राहुल दयाल, बाबू, दीपू, गौरा, रंजीत मसीह, इंदू, डायमंड उर्फ भूरे आदि सैकड़ों की संख्या में समुदाय के लोग मौजूद रहे।