धर्मनिरपेक्षता का मतलब इंडिया फर्स्ट- नरेन्द्र मोदी

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नई दिल्ली। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका और कनाडा में बैठे भारतीयों को संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में कहा कि गुजरात विकास का पर्याय्य बन गया है। संबोधन में मोदी ने कहा कि मेरे लिए धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा में भारत पहले है, हर निर्णय में भारत ही सर्वोपरि होना चाहिए, हम कोई भी काम करें, भारत के लिए होना चाहिए।
Narendra modi
मोदी ने गांधीनगर से अपना संदेश एडिसन, न्यूजर्सी, शिकागो, इलिनॉयस में बैठे एनआरआई लोगों को देते हुए कहा कि हमने विकास को राजनीति से अलग रखा है। मोदी ने कहा कि इस 21वीं सदी में पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। मंदी के वक्त गुजरात के विकास में कोई बांधा नहीं आई। पूरा विश्व गुजरात के विकास को सराहता है। छोटे से राज्य गुजरात का स्किल डेवलपमेंट बजट 800 करोड़ रुपए हैं। जबकि भारत सरकार का 1000 करोड़ रुपए है। इससे हमारी कमिटमेंट का पता चलता है। उन्होंने कहा कि अब गुजरात के लोग समझ गए हैं कि सभी समस्याओं का हल विकास है। हमारे पास अथाह युवा शक्ति है उसका इस्तेमाल कर विकास करना चाहिए। मोदी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर युवाओं को आज देश को विकास के पथ पर आगे बढ़ाने का संकल्प लेना चाहिए।
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उन्होंने कहा कि महाकुंभ जैसा शानदार आयोजन भारत में होता है। यूरोप के कई देशों जितनी जनसंख्या कुंभ में गंगा किनारे है। महाशिवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत में हर देवी-देवताओं से कोई ना कोई संदेश मिलता है। भगवान शिव से हमें जहर पीने की और जहर पचाने की प्रेरणा मिलती है। इससे हमें बुराइयां और कटुता को पचाकर अपने मन मंदिर में अमृतरस को बसाना चाहिए। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वॉर्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम ने मोदी को मुख्य वक्ता बनने का पहले निमंत्रण देककर बाद में उनका भाषण रद्द कर दिया था। इसके जवाब में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।