सत्संग के ज्ञान से भ्रम समाप्त होता है: बाबा भोले महाराज

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sadjaviFARRUKHABAD : श्रीहंस लोक जन कल्याण समिति द्वारा बढ़पुर स्थित एक गेस्टहाउस में आयोजित किये गये भारत विश्व गुरू भोले जी महाराज के सत्संग कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। जिसमें बोलते हुए भोले जी ने कहा कि सत्संग एक ऐसा फार्मूला है, जिससे व्यक्ति को ज्ञान प्राप्त होता है और ज्ञान प्राप्त होने से भ्रम की समाप्ति होती है। इस दौरान एमएलसी मनोज अग्रवाल व उनकी पत्नी नगर पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल ने भी भोले बाबा को सम्मानित किया।

महा शिव रात्रि पर्व पर सत्संग कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भोले जी महाराज ने कहा कि जिस तरह माला में विभिन्न प्रकार के फूल होते हैं, उसको पिरोने वाला धागा एक ही होता है, उसी तरह हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई, आस्तिक एवं नास्तिक सभी ईश्वररूपी माला के सुन्दर फूल हैं और आत्मा रूपी धागा सभी के अंदर समान रूप से मौजूद manoj agrawal vatsla agrawalहै। श्री भोले जी ने इस दौरान सत्संग के विषय में वर्णन करते हुए कहा कि सत्संग के माध्यम से आदमी को दिव्य ज्ञान प्राप्त होता है और ज्ञान से ही आदमी का भ्रमरूपी जाल खुल जाता है। फिर वह अपने अलौकिक ज्ञान के सहारे परमात्मा की अनुभूति करता है। उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक ज्ञान को जानकर ही समाज में शांति, मानवीय एकता तथा सामाजिक भावना का वातावरण कायम किया जा सकता है।

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उन्होंने कहा कि अध्यात्मिक ज्ञान के प्रति नकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने से आतंकवाद, भ्रष्टाचार तथा अनैतिकता जैसी विसंगतियां बढ़ रहीं हैं। इससे मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को अध्यात्म ज्ञान की शक्ति को समझना चाहिए। भजन सुमिरण करना चाहिए। उन्होने कहा कि संत महापुरुषों का bhaktकाम समाज को जोड़ना होता है, कोई भी धर्म, सम्प्रदाय नफरत व हिंसा की शिक्षा नहीं देता। जो लोग धर्म के नाम पर समाज को कमजोर करने का प्रयास करते हैं, वे कभी भी सच्चे धार्मिक नहीं हो सकते।

साध्वी मंगला ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे रूप, रंग, भाषायें तथा परम्परायें अलग अलग हो सकती हैं लेकिन इनके अलग अलग होने के बाद हम सबको बनाने वाली भगवान की शक्ति अलग नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि जो शक्ति हिन्दू के प्राणों में चलती है वही शक्ति मुस्लिम, क्रिश्चियन, जैन तथा पारसी धर्मालम्बियों के प्राणों का आधार है। उन्होंने कहा कि उसी शक्ति से सबको जीवन मिलता है, उसी शक्ति के निकल जाने से सबकी मृत्यु हो जाती है।

bheed bholebabaमाता श्री मंगला जी ने सत्संग की महिमा का बखान करते हुए कहा कि संगति का व्यक्ति के जीवन पर बहुत प्रभाव प्रड़ता है। इसलिए संतों की संगति करनी चाहिए तथा सत्संग को ध्यान से सुनकर उस पर मनन भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्संग श्रवण से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा दुष्ट प्रवृत्ति के लोग भी संत बन जाते हैं। उन्होंने युवाओ में पश्चिमी संस्कृति के प्रति बढ़ते लगाव को घातक बताते हुए भारतीय संस्कृति को अपनाने को अपील की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति दुनिया की सभी संस्कृतियों की जननी है। जिसने सम्पूर्ण विश्व को शांति, मानवीय प्रेम, सामाजिक सदभाव तथा एकता का संदेश दिया। मंगला जी ने समाज में नैतिक, चारित्रिक तथा अध्यात्मिक मूल्यों को स्थापना राष्ट्रभक्ति तथा अध्यात्म ज्ञान के प्रचार प्रसार को आवश्यक बताया।

कार्यक्रम में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त, भजन गायक एवं कब्बाल अफजल चांद ने शिव महिमा, गणेश वंदना, मां दुर्गा की स्तुति तथा गुरु महिमा से जुड़े भजन गाकर श्रद्धालुओ को खूब झुमाया। रामविलास सैनी तथा जनार्दन मिश्रा ने भी भजन प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में नि:शुल्क भण्डारा एवं चिकित्सा शिविर की व्यवस्था की गई। इस मौके पर महात्मा कृपानंद, आत्म संतोषी सुधीश तोमर, बीके त्यागी मीडिया प्रभारी ने भी विचार रखे।

सत्संग सुनने आयी महिला को टैक्सी ने ठोक कर मौत के घाट उतारा

आवास विकास के बढ़पुर में हो रहे भोले महाराज के सत्संग कार्यक्रम को देखने के लिए एक वृद्व महिला जैसे ही मधुर मिलन के निकट पहुंची तो सामने से आ रही टैक्सी ने महिला को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से वृद्वा की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी। पुलिस ने मौके से टैक्सी चालक को हिरासत में ले लिया है। खबर लिखे जाने तक महिला की शिनाख्त नहीं हो सकी।