लखनऊ. उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के हथिगवां इलाके में पिछले शनिवार को ग्राम प्रधान और उनके भाई की हुई हत्या के बाद तेज हुई राजनीति के बीच मंगलार को उनके परिवार के सदस्य मुआवजे तथा सुरक्षा की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए। उन्हेंन राजा भैया और उनके लोगों का डर अभी भी सता रहा है। अनशन पर बैठे परिजनों ने पूरे परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही दोनों परिवार के सदस्यों को 20-20 लाख रुपये की मदद देने की मांग की। पिता दुखीराम समेत परिजनों का कहना था कि अगर मुख्यमंत्री नहीं आते तो पूरा परिवार जहर खाकर आत्महत्या कर लेगा।
सरकारी की किरकिरी झेल रहे मुख्य मंत्री अखिलेश यादव बुधवार को मृतक प्रधान के परिवार से मिलने बलीपुर गांव पहुंचे। उन्होंीने बंद कमरे में मृतक ग्राम प्रधान के परिजनों से बातचीत की और उन्हें मदद का भरोसा दिलाया। परिजनों की मांग है कि उनके परिवार के खिलाफ इस घटना में जो एफआईआर दर्ज की गई है, वह वापस ली जाए। वहीं सीएम को देखते ही नन्हेंस की पत्नीम बेहोश हो गई। घरवालों ने पानी आदि डालकर होश में लाया, पर वह बार-बार गिर जा रही हैं। इस मामले में सरकार ने बुधवार को क्षेत्र के एसएचओ को भी सस्पेंेड कर दिया है।
मुख्यममंत्री की यात्रा के वक्तव वहां राजा भैया के समर्थक भी बड़ी संख्यां में जुटे रहे। उन्होंेने ‘राजा भैया निर्दोष हैं’ के नारे लगाए।
बता दें कि ग्राम प्रधान की हत्या के बाद हुए संघर्ष में पुलिस उपाधीक्षक जिया उल हक की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मृतक उपाधीक्षक के परिवार को सोमवार को 50 लाख रुपए के मुआवजे के चेक दिए और हत्या की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की।