फर्रुखाबाद|18july: गाँव की आशा बहू की लापरवाही के कारण हजारों रुपये खर्च करने के बाबजूद भी जच्चा बच्चा की मौत हो गयी.
नगर सीमा से लगे ग्राम नेकपुर खुर्द निवासी जितेन्द्र शाक्य को गाँव की आशा की लापरवाही के कारण ऐसा सदमा लगा है की वह मरते दम तक नहीं भूल पायेंगे.
गाँव की लक्ष्मी के कहने पर जितेन्द्र बीते दिनों पत्नी सोनम देवी की डिलेवरी कराने डॉ सुषमा सिंह के अस्पताल में ले गए. पैदा हुए बच्चे के मर जाने पर सोनम को गंभीर अवस्था में डॉ जितेन्द्र कटियार के अस्पताल ले जाया गया. जहां उसकी मौत हो गयी.
जितेन्द्र ने बताया कि गाँव की लक्ष्मी डॉ सुषमा सिंह के अस्पताल में नौकरी करती है. डॉ ने मुंह मांगे रुपये लिए. पैदा हुआ पुत्र मर गया. ब्लीडिंग होने पर जब पत्नी की हालत गंभीर हो गयी तो उसका इलाज करने से मना कर दिया.
डॉ जितेन्द्र कटियार ने बच्चा दानी को निकालने के लिए रुपये लिए. बच्चादानी को सिल देने की जानकारी देकर डाक्टर ने बताया कि बिना बच्चा दानी निकाले पत्नी ठीक हो जायेगी.
चाँद घंटे में ही पत्नी ने दम तोड़ दिया. जानकारी करने पर पता चला कि पड़ोसी प्रधान सुमन देवी शाक्य की देवरानी संध्या शाक्य गाँव की आशा है जिन्होंने कभी भी पत्नी को गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य सम्बंधी कोई जानकारी नहीं दी. वह किसी के भी घर नहीं जाती है.
यदि पत्नी को सरकारी अस्पताल ले गया होता तो शायद वह बच जाती और हजारों रुपये बच जाते.