झाड़ू लगाओ सेहत बनाओ- एडीएम हीरालाल

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फर्रुखाबाद: स्कूल में झाड़ू लगाने से वर्जिस हो जाती है और स्वास्थ्य ठीक रहता है| ये उत्तर था जनपद फर्रुखाबाद के एडीएम हीरालाल का एक जनप्रतिनिधि के सुझाव पर| स्कूल में बच्चो से झाड़ू लगवाने की जगह मायावती की सरकार के दौरान हर गाँव में नियुक्त हुए सफाई कर्मिओं को स्कूल साफ़ करने की जिम्मेदारी भी दी जाये| दिनाक 9 जुलाई को विकास भवन में जिला पंचायत की बजट बैठक के दौरान बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष रामनरेश गौतम ने सुझाया था|

उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के साथ साथ कई तस्वीरे आप ने देखी होंगी| मसलन बच्चो को स्कूल में झाड़ू लगाते, घास काटते, मिड डे मील की सब्जी काटते, मास्टर साहब के लिए गाँव की दुकान से गुटखा लाते आदि आदि| इन सब पर गौर भी फ़रमाया होगा| जो लोग इन प्राइमरी स्कूलों में पढ़े होंगे उन्हें इसका आभास भी होगा| हीरालाल ने भी अपनी प्राथमिक शिक्षा इन्ही प्राइमरी स्कूलों में पूरी की है| उनका कहना था कि जब वो स्कूल जाते थे तब अपने बैठने का टाट झोले में रख कर ले जाते थे, उसी से पहले सफाई करते थे और फी बैठ कर पढ़ते थे| ये बात और थी की 9वी पंचवर्षीय योजना तक स्कूल में बैंच आदि मुहैया नहीं करायी गयी थी| तब गाँव में सफाई के लिए सरकार का कोई सफाई कर्मी नहीं था| घर का खाना स्कूल में खाते थे तब मिड डे मील नहीं था| हाँ गुरु जी भी आज के जैसे नहीं थे जो परीक्षा के समय ब्लैक बोर्ड पर उत्तर लिख कर बच्चो की परीक्षा ले लेते| या फिर स्कूल के गायब रहते और तनख्वाह निकल लेते| अब सब बदल चूका है, स्कूल में हर साल 5000 रुपये साफ़ सफाई के लिए आये है जो प्रधान के खाते में होते हैं, हर स्कूल को बैठने के लिए फर्नीचर उपलब्ध कराया जा रहा है, हर स्कूल में बिजली पंखा लग रहा है, ये बात और है कि अधिकांश उत्तर प्रदेश में ये सामान प्रधान और हेडमास्टर के घर में लगा है| हीरालाल उस ज़माने के सरकारी स्कूल में पढ़ लिख कर प्रशासनिक अधिकारी बन गए जब ये सुविधाएँ सरकार नहीं दे पा रही थी| आम जनता के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने और उनके विकास की जिम्मेदारी वाला पद भी पा गए|

ये प्रचलित है कि मायावती ने जो सफाई कर्मी प्रदेश की हर ग्राम सभा में तैनात किये हैं अधिकांश बिना काम का मानदेय हड़प रहे है, और जो कर भी रहे हैं उनमे से अधिकाश प्रधानो/सरपंचो के चबूतरे चमका रहे हैं| ऐसे में एक जनप्रतिनिधि का सुझाव कि गाँव के स्कूल को नियुक्त सफाई कर्मी से साफ़ कराया जाये एक अच्छी पहल थी, जिस पर अपर जिलाधिकारी में इस जबाब के साथ अनसुना कर दिया कि स्कूल में झाड़ू लगाने से बच्चो का शारीरिक शौष्ठाव बनता है|

आपकी क्या राय है उनके इस सुझाव पर?