वो दिल ही क्या तेरे मिलने की दुआ न करे

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फर्रुखाबाद: शहर के मोहल्ला कटरी बू अली खां स्थित दरगाह हजरत बाबा अब्दुल रहमान शाह के सालाना उर्स ए मुबारक का आयोजन किया गया। जिसमें तकरीबात व कुरान ख्वानी के बाद कब्बालों ने अपनी अपनी शायरी से लोगों को वाह वाह करने पर मजबूर कर दिया।

सालाना उर्स में रात 9 बजे से सजी महिफिल के बाद ईद मिलादुन्नवी मुनक्किद हुआ जिसमें मौलाना कारी ईदुल हसन बरकाती भरगैन जिला एटा ने अपनी तकरीर पेश कर नसीयत दी। हाफिज कारी सैय्यद हारुन साहब, सैय्यद मजहर अली ने नातिया कलाम पढ़े। बाद नमाज ए जौहर गागर व चादर दरगाह हजरत लाल मियां से उठकर बाबा अब्दुल रहमान शाह में पहुंची। जहां पर महफिले शमां का आयोजन किया गया। महफिल में खानकाही कब्बालों ने अपने पाकीजा कलाम पढ़े। मतलूब न्याजी मंसूर निजामी कब्बाल शमसाबादी ने अपनी शायरी पढ़ी वो दिल ही क्या तेरे मिलने की दुआ न करे, तुझे मैं भूल के जिंदा रहूं खुदा न करे। इसी के बाद शाहिद न्याजी कब्बाल रामपुरी ने कलाम सुनाया ‘‘ सजी हैं महफिलें कौनेन मुस्तफा के लिए बने हैं दोनो जहां शाहे दो सरा के लिए।’’