सीबीआई अदालत से दोषी करार आईएएस को प्रमुख सचिव नियुक्ति का चार्ज

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नोएडा भूखंड आवंटन मामले में आरोपी आईएएस अधिकारी राजीव कुमार और पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई थी। इन पर नियम विपरीत नोएडा प्राधिकरण से भूखंड लेने का आरोप है। हाल ही में हाइकोर्ट ने सीबीआइ कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। सरकार ने फिर उन्हे प्रदेश की महत्वपूर्ण कुर्सी पर बैठा दिया है। उनको सरकार ने फिर से प्रमुख सचिव नियुक्ति और कार्मिक के पद पर तैनाती दी है।

विदित है कि नोएडा आवंटन मामले में आरोपी राजीव कुमार को तीन वर्ष की सजा सुनाए जाने के बाद सरकार ने प्रतीक्षारत कर दिया था। चिकित्सा शिक्षा एवं आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव जेपी शर्मा को नियुक्ति, कार्मिक एवं सतर्कता विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया था। अब राजीव कुमार को नियुक्ति और कार्मिक का जिम्मा सौंपा गया है जबकि सतर्कता विभाग का अतिरिक्त प्रभार प्रमुख सचिव गृह आरएम श्रीवास्तव को दिया गया है।

राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने नोएडा अथारिटी में डिप्टी सीईओ पद पर रहते हुए तत्कालीन सीईओ नीरा यादव के सहयोग से सेक्टर-51 में 450 वर्ग मीटर का एक भूखंड आवंटित कराया था, जो बाद में सेक्टर-44 ए में परिवर्तित कर दिया गया। उसके बाद बेहद महंगे सेक्टर-14 ए में इसे परिवर्तित करा दिया गया। भूखंड के पास में 105 वर्ग मीटर खाली पड़ी हरित पट्टी को भी भूखंड में शामिल कर लिया गया।

सीबीआइ कोर्ट गाजियाबाद ने 20 नवंबर को राजीव कुमार और पूर्व मुख्य सचिव नीरा यादव को तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ राजीव कुमार ने हाइकोर्ट में अपील की। गत 5 दिसंबर को हाइकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के दोष सिद्ध आदेश को स्थगित कर दिया। हाइकोर्ट ने फैसले में कहा कथित घोटाले की विवेचना में पाया गया कि राजीव कुमार को इस मामले में कोई आर्थिक लाभ नहीं हुआ है। ऐसे में अगर दोष सिद्ध का आदेश स्थगित नहीं किया जाता है तो अपीलकर्ता की सेवा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।