बर्खास्‍त कर्मियों का केस फाइनल होने तक नहीं होंगीं नगर पालिका में रिक्त पदों पर भर्ती

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फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी द्वारा नगर पालिका के 42 कर्मचारियों को बर्खास्त कर देने के बाद नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर खासा असर आ गया है। वहीं बर्खास्त कर्मचारियों का काम बचे हुए कर्मचारियों के मत्थे मड़कर उनसे दो गुनी मेहनत करायी जा रही है। नगर पालिका ईओ आर डी बाजपेयी ने कहा कि बर्खास्त कर्मचारियों द्वारा कोर्ट में की गयी अपील के फैसले का इंतजार किया जा रहा है। जिसके बाद ही नियुक्तियां की जायेंगीं।

नगर पालिका में इस समय समस्याओं का अम्बार हो गया है। एक तरफ सभासदों का आक्रोष तो दूसरी तरफ जिलाधिकारी द्वारा 42 कर्मचारियों की बर्खास्तगी को लेकर अब बचे हुए कर्मचारियों पर काम का बोझ बढ़ गया है। बताते चलें कि नगर पालिका में लिपिकों के 25 पद थे। जिसमें से पहले ही एक प्रशिक्षु, एक फर्स्ट ग्रेड व चार द्वितीय ग्रेड के कर्मचारियों के पद खाली चल रहे थे। बर्खास्त किये जाने के बाद अब लिपिकों की संख्या महज 14 रह गयी है। जिन जिन पर बर्खास्त के बाद खाली हुईं टेबिलों का काम सौंप दिया गया। वहीं दूसरा सबसे ज्यादा असर सफाई कर्मचारियों पर आया है। जिसमें तकरीबन 18 कर्मचारी बर्खास्त किये गये। कर्मचारियों के बर्खास्त होने से चरमराई नगर पालिका की कागजी व्यवस्था से कार्यालय में काफी मानसिक तनाव बना हुआ है।

वहीं बर्खास्त किये गये कर्मचारियों ने पहले ही अदालत में अर्जी दायर कर दी थी। जिस पर मुकदमा भी चालू हो गया है। कहीं न कहीं नगर पालिका कर्मचारियों को मौका दे रही है। क्योंकि नगर पालिका में खाली पड़े पदों पर पुनः भर्ती करने के लिए अभी कोई कार्यवाही नहीं हो रही है।

वहीं नगर पालिका अध्यक्ष वत्सला अग्रवाल ने इस सम्बंध में बताया कि शासन स्तर से रोक की बजह से नियुक्तियां नहीं की जायेंगीं। शासन स्तर से आदेश मिलने का इंतजार किया जा रहा है। इस सम्बंध में नगर पालिका के ईओ आर डी बाजपेयी ने बताया कि बर्खास्त किये गये कर्मचारियों द्वारा जो केश फाइल किया गया है उसके निर्णय का इंतजार किया जा रहा है और फिलहाल बर्खास्त कर्मचारियों की जगह पर नियुक्ति करने का कोई भी आदेश नहीं प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन स्तर से निर्देश मिलने पर रिक्त पदों पर भर्तियां की जायेंगीं।