समाजसेवियों की उपेक्षा का शिकार विकलांग

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फर्रुखाबाद: अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर एक बार फिर विकलांग समाजसेवियों व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के शिकार दिखे। जहां एक तरफ राजनीतिक दलों के लोग विकलांगों के नाम पर अपनी राजनीति चमकाने में लगे हुए हैं वहीं विकलांगों को कोई सुविधा या सहयोग देने की बात नहीं करता। विकलांगों के नाम पर घोटाले में केजरीवाल सहित तमाम लोगों ने जनपद में अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकीं लेंकिन आज अन्तर्राष्ट्रीय विकलांग दिवस पर कोई भी नजर नहीं आया। विकलांगों को उपकरण व सहयोग की बात तो दूर उनकी बेसिक समस्याओं तक को सुनने वाला आज कोई नहीं है।

विकलांग दिवस पर जनपद में जहां विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये वहीं रिप्स द्वारा भी आवास विकास मैदान में बाबू गिरीशचन्द्र कटियार की अध्यक्षता में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में संस्था द्वारा बुलाये गये अतिथियों के न आने से विकलांगों में मायूसी दिखी।

संस्था के संयोजक धीरेन्द्र सिंह फौजी ने इस दौरान कहा कि वह 3500 रुपये की मासिक पेंशन से विकलांगों की सेवा में लगे हुए हैं। यदि सक्षम लोग विकलांगों की सेवा में हिस्सा बटाये ंतो विकलांग सेवा में विस्तार हो सकता है। फौजी ने कहा कि कोई पार्टी या विशेष व्यक्ति विकलांगों की सहायतार्थ आगे आता है तो फर्रुखाबाद संसदीय क्षेत्र के विकलांग परिवारों की संख्या एक लाख 30 हजार वोटर है। जोकि सांसद बनाने के लिए काफी है। संस्था द्वारा 5 दिसम्बर को विकलांगों की समस्याओं से सम्बंधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौपेंगे।

इस दौरान बाबू गिरीशचन्द्र कटियार व पूर्व विधायक महरम सिंह ने भी विचार व्यक्त किये। इन्द्रपाल सिंह जलज, छविनाथ सिंह राठौर, हुकुम सिंह कटियार, नरेश सिंह चौहान, रमला राठौर, सुमन राठौर आदि मौजूद रहे।