अंटू मिश्रा को घूस में दिए थे 5 लाख रुपए : गवाह

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गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश को घोटालों का राज्य बनाने वाली पूर्व की बसपा सरकार के शासन के दौरान हुए एनआरएचएम घोटाले की सीबीआई जांच में चंद बड़ी गिरफ्तारियों से ज्यादा जांच एजेंसी के हाथ कुछ नहीं लगा। इस बीच गाजियाबाद की सीबीआई विशेष अदालत में गुरुवार को इस घोटाले के मुख्य गवाह व दवा सप्लायर गिरीश मलिक ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अंटू मिश्रा को पांच लाख रुपए बतौर घूस देने की बात कही है। गिरीश की गवाही के सार्वजानिक होने के बाद अब तक सीबीआई के पंजे से दूर नजर आए अंटू मिश्रा की गिरफ्तारी की संभावनाएं प्रबल हो गईं है।

गिरीश के बयान के बाद इस घोटाले की जांच में सीबीआई पर लग रहे दोषियों के खिलाफ ढ़ील बरतने के आरोप सही नजर आ रहे है क्योंकि गिरीश ने ये बयान 12 जनवरी 2012 को देहरादून की एक अदालत में भी दिया था। गिरीश के इस बयान के बाद भी सीबीआई ने अंटू की ओर बढ़ते अपने कदमों को पीछे खींच लिया। सीबीआई की कार्रवाई का तरीका साबित करता है कि कहीं न कहीं एजेेंसी पर तात्कालिक मुख्यमंत्री के करीबियों पर हाथ न डालने का दबाव बनाया जा रहा है क्योंकि इसी घोटाले के एक अन्य आरोपी मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा को सीबीआई ने मार्च में गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन जिन दोषियों पर माया का हाथ बना हुआ है वे अब तक उसकी गिरफ्त से दूर है।

पांच हजार करोड़ से ज्यादा के सरकारी राजस्व के इस घोटाले में सीबीआई पिछले डेढ़ साल से जांच कर रही है, लेकिन इस घोटाले में मुख्य आरोपी माने जा रहे अंटू मिश्रा अब तक सीबीआई की पकड़ से दूर नजर आ रहे थे। कई बार सीबीआई के सामने तलब होने के बाद भी अंटू की गिरफ्तारी न होने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि सीबीआई किसी दबाव के चलते इस पूर्व मंत्री को गिरफ्तार नहीं कर पा रही है।

सीबीआई द्वारा दर्ज तीन एफआईआर में आरोपी दवा सप्लायर गिरीश मलिक द्वारा किए गए खुलासे के बाद अंटू मिश्रा की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रहीं है। गिरीश का आरोप है कि फोलिक ऐसिड सप्लाई के लिए अंटू ने उससे दस लाख रुपए की घूंस मांगी थी, लेकिन पांच लाख रुपए देने के बाद उसने शेष रकम चुकाने में असमर्थता जताई थी, जिसके बाद उसे दवा की सप्लाई तो नहीं मिली लेकिन मंत्री द्वारा उसे कारोबार और सप्लाई बंद करवाने की धमकी मिली।

आपको बता दें कि इस मामले में सीबीआई अब तक मायावती से बगावत कर चुके पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा और उनके करीबी कुछ नेताओं के साथ-साथ उन ठेकेदारों को गिरफ्तार कर चुकी है जिन्हें एनआरएचएम में हो रहे घोटाले में कुशवाहा का करीबी होने की वजह से कमाई के मौके मिले थे। वहीँ मायावती के करीबी बनाये रखने वाले अन्टू मिश्रा और कुछ नौकरशाह अभी भी अपने ऊपर लगे आरोपों के बावजूद बेफिक्र घूम रहे है|