कोषागार में घूंसखोरी को लेकर आईएसी की चेतावनी

Uncategorized

फर्रुखाबाद: कोषागार फतेहगढ़ और भ्रष्टाचार का पुराना रिश्ता है। पूरा जीवन किसी सरकारी सेवा में लगाने के बाद जब आदमी सेवानिवृत्त हो जाता है तो फिर पारिवारिक पेंशन इत्यादि के लिए उसे कोषागार के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं और तब न तो उसके पास पुलिस का डन्डा होता है और न ही अधिकारी की कुर्सी। कोषागार के बाबू ही पर्याप्त होते हैं उसे लूटने के लिए। पेंशन स्वीकृत करने से पूर्व ही कुल मिली धनराशि में से प्रतिशत के हिसाब से डील की जाती है। अगर पेंशनर स्वीकृृति दे देता है तो उसे अपनी पेंशन समय पर मिल जाती है और यदि वह बाबू की डील में शामिल नहीं होता है तो फिर उसके अभिलेख ही वर्षों तक ठीक नहीं हो पाते और वह टेबिल दर टेबिल चक्कर मारता रहता है। इसी भ्रष्टाचार के विरोध में आईएसी कार्यकर्ताओं ने कोषागार पहुंचकर जमकर हंगामा काटा और लिखित रूप से ज्ञापन कोषाधिकारी को सौंपा।

इन दिनों कोषागार फतेहगढ़ में जीवन मृत्यु प्रमाणपत्र भरने का दौर चल रहा है। अपने अपने विभागों से रिटायर होकर घर बैठे वृद्व दूर दूर से आकर अपने जीवित होने का प्रमाण कोषाधिकारी को लिखित रूप में दे रहे हैं। ठीक ठाक भीड़ होने से कोषागार के बाबुओं की इस समय चांदी ही चांदी है। वसूली के बारे में जिससे जितना ले पाते हैं ले रहे हैं। आईएसी कार्यकर्ताओं ने इसी घूसखोरी को मद्देनजर रखते हुए कोषाधिकारी एस एम शुक्ला को एक लिखित रूप से ज्ञापन सौंपा। आईएसी कार्यकर्ता लक्ष्मण सिंह ने कोषाधिकारी से कहा कि अगर बाबुओं द्वारा इस लूट तंत्र को शीघ्र खत्म न किया गया तो आईएसी कोषागार में ही धरना प्रदर्शन शुरू कर देगी। जमकर हंगामा काटने के बाद आईएसी कार्यकर्ताओं को कोषाधिकारी ने स्थिति को ठीक करने का आश्वासन दिया।

इस दौरान आईएसी कार्यकर्ता महेन्द्र पाल सिंह, बी एस राठौर, रघुवर दयाल कनौजिया, मीरा सिंह आदि मौजूद रहे।