फर्रुखाबाद: सर्राफा व्यवसाय में आपसी प्रतिस्पर्द्धा और रंजिश के चलते एक पड़ोसी सर्राफ ने ही दी थी सर्राफ संतोष वर्मा की हत्या की सुपारी। दीपावली से एक दिन पूर्व नेकपुर स्थित ओवर ब्रिज पर हुए गोलीकांड के आरोपी गगन यह बात पुलिस हिरासत में कुबूल की है।
विदित है कि दीपावली से एक दिन पूर्व विगत 12 नवंबर की शाम जब शहर के ज्यादातर मकान इलेक्ट्रानिक झालरों से जगमगा रहे थे और मासूम बच्चे पटाखों की तेज आवाज कर रहे थे। इसी दौरान शहर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला होरीलाल निवासी सर्राफा व्यापारी संतोष वर्मा पुत्र लालमन वर्मा जहानगंज से अपनी सर्राफ की दुकान बंद करके रोज की भांति नेकपुर पुल पर उतरा। पुल से उतरते ही वह नीचे जाने के लिए बनी सीड़ियों पर जैसे ही उतर रहा था वैसे ही अचानक तीन अज्ञात हमलावरों ने संतोष पर फायर झोंक दिया। फायर संतोष के पेट में लगा। जिससे वह छटपटाकर घटना स्थल पर ही गिर गया। अज्ञात लुटेरे नगदी व जेवरात से भरा झोला छीनकर फरार हो गये थे। थाना मऊदरवाजा पुलिस ने विगत रात्रि पांच लोगों को इस संबंध में गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी हरनाम तो संदिग्ध परिस्थितियों में थाने से ही फरार हो गया। शेष चार अभी पुलिस हवालात में मौजूद हैं।
आरोपियों ने पूछ तांछ के दौरान बताया कि सर्राफ संतोष वर्मा की हत्या की सुपारी पक्का पुल निवासी अशोक ने दी थी। अशोक की भी जहांनगंज में ही संतोष वर्मा की दुकार के निकट सर्राफे की दुकान है। अशोक की संतोष से व्यवसायिक प्रतिद्धंतदिता के अतिरिक्त व्यक्तिगत रंजिश भी है। दोनों में कुछ ही दिन पूर्व विवाद भी हो चुका है।
पकड़ें गये एक आरोपी गगन वर्मा उर्फ गनुआ पुत्र अजय वर्मा निवासी पक्का पुल ने बताया कि अशोक व संतोष का आपस में किसी बात को लेकर विवाद था। जिसके चलते अशोक ने पक्का पुल निवासी इच्छाराम को संतोष की हत्या की सुपारी दी थी। हत्या की योजना घटना से दो दिन पूर्व ही बनायी गयी थी। घटना को कुल नौ लोगों ने अंजाम दिया था। इसमें आधा दर्जन कट्टे व तीन बाइकों का उपयोग किया गया था। इच्छाराम ने गगन व अमित श्रीवास्तव से पुल पर खड़े रहने को कहा था। संतोष पर आलोक व शानू निवासीगण साहबगंज एवं लाला बाथम निवासी सेनापत ने फायर किये थे। खतरंबा निवासी राहुल व साहबगंज निवासी दो अन्य युवक भी घटना के समय साथ रहे थे। घटना में हरनाम की डिस्कवर, कादरीगेट बालाजीपुरम निवासी ‘दादा’ की पल्सर व नुनहाई निवासी दिवाकर के पुत्र की हीरो-हांडा मोटर साइकिलें उपयोग की गयीं। घटना स्थल पर लाला बाथम का कट्टा गिर गया था। घटना के बाद सभी 9 आरोपी तीन मोटरसाइकिलों पर सवार हो कर मसेनी चौराहा से कादरीगेट- साहबगंज चौराहा होते हुए टाउन हाल पहुंचे थे। ‘दादा’ की मौजूदगी में ही टाउनहाल के निकट रहने वाले हरनाम के किराये के मकान में लूट के माल का बंटवारा किया गया था। घटना के मुख्य आरोपी सर्राफ अशो, मास्टामाइंड इच्छाराम, दादा, हरनाम, आलोक, राहुल व शानू अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।
पुलिस के अनुसार लाला बाथम, अमित श्रीवास्तव, गगन वर्मा, सरदार उर्फ शानू, आलोक व सुनील मिश्रा ने सर्राफ संतोष वर्मा का दुकान से पीछा करते हुए उसके साथ ही बस में बैठ गये। शेष बचे असलम राहुल व हरनाम तीन मोटर साइकिलों से बस का पीछा करते रहे। बघार नाले पर संतोष के साथ आये अभियुक्त बस से उतर कर पीछे चल रही साथियों की मोटर साइकिलों पर बैठ कर बस का पीछा करते हुए नेकपुर पुल तक आये। यहां पर गगन व सुनील मिश्रा पुल के नीचे सीढियों पर लग गये। लाला बाथम, सरदार उर्फ शानू, हरनाम व अमित श्रीवास्तव संतोष वर्मा के पीछे चले व सीढियों पर पहुंचते ही अमित ने संतोष के हाथ से बैग छीनने का प्रयास किया। विरोध करने पर लाला बाथम, सरदार शानू व आलोक ने संतोष पर अपने-अपने तमंचों से फायर कर दिये। लाला बाथम का फायर मिस हो गया। शानू व आलोक के फायर संतोष को लगे। इसी बीच अमिल श्रीवास्तव ने बैग छीन लिया। इसके बाद हम सभी लोग मोटर साइकिलों से अमित श्रीवास्तव पुत्र बृजेश कुमार निवासी के मोहल्ला रकाबगंज खुर्द स्थित आवास पर पहुंचे। इसी मकान में हरनाम भी किराये पर रहता है। मकान शेर सिंह का है। हरनाम के कमरे में ही लूट के माल का बंटवारा दस बराबर हिस्सों में किया गया। हरनाम ने मोटर साइकिल संख्या यूपी 76 एफ 4200 पर सवार था। यह मोटर साइकिल राजेंद्र सिंह पाल निवासी परतापुर की है। दूसरी मोटरसाइकिल राहुल मिश्रा अपने मित्र दिवाकर निवासी नुनहाई से लाया था। तीसरी पल्सर मोटरसाइकिल असलम ने दादा नाम के व्यक्ति निवासी बालाजी मंदिर के पास घटियाघाट से लाकर उपयोग की थी।