फर्रुखाबाद परिक्रमा: अन्ना हजारे बनाम मुलायम के अन्ना

EDITORIALS FARRUKHABAD NEWS

खबरी लाल आज बहुत आछे मूड में लग रहे थे| दीपावली के पांच दिनी त्‍योहार की थकान उतरने के लिए छत पर गुनगुनी धुप का आनंद ले रहे थे| इतने में ही भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता पंजीकरण शिविर से पंजीयन की औपचारिकताएँ पूरी करके लौट रहे कुछ नवयुवक आकर दरवाजे पर दस्तक देने लगे|

आनन फानन में खबरीलाल ने छत से उतर कर नीचे आकर दरवाजा खोला और हंस्ते हुए बोले| देश के भावी भाग्य विधाताओं बताओ यह खबरीलाल आपकी क्या सेवा कर सकता है? युवा एक स्वर में बोल पड़े| अंकल हम भी अब मतदाता बन जायेंगे| हम आपकी रिपोर्ट और खबरे बराबर पढ़ते हैं| हमने अच्छी तरह से समझ लिया है कि वर्तमान समस्यायों का समाधान तब तक नहीं होगा जब तक हर आदमी निष्पक्ष और निर्भीक होकर मतदान करना अपना कर्तव्य नहीं समझेगा|

खबरीलाल युवकों की बात सुनकर प्रसन्न हो रहे थे| एक युवक ने कहा खबरीलाल जी समाजवादी पार्टी ने जिन अन्‍ना शुक्ला को उन्नाव से लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी बनाया है वह क्या इंडिया अगेंस्ट करप्शन नायक अन्ना हजारे के भाई या परिवारी हैं| खबरीलाल अचानक उदास हो गए| बोले नहीं नहीं ऐसा कुछ भी नहीं| दोनों के नामो में आधी अधूरी समानता के अलावा कोई समानता नहीं है| यह दोनों एक दूसरे को व्यक्तिगत रूप से जानते भी नहीं है|

एक नौजवान बोला यही तो हम लोग सोंच रहे थे| अन्ना शुक्ला के विषय में अखबारों में जो कुछ छपा है वह तो सब इतना कुछ है कि चुनाव और लोकतंत्र को मखौल बना देने के लिए काफी है| खबरीलाल जी कैसे इस प्रकार के लोग हर बार चुनाव में नया झंडा डंडा बिल्ला पार्टी नेता लेकर मैदान में आ जाते है| हम तो चुनाव मैदान के नए मतदाता है| हमें इन परिस्थियों में क्या करना चाहिए? एक बोला विधान सभा चुनाव में हमें बहुत अच्छा लगा था| जब भारी दबाब के बाबजूद समाजवादी पार्टी में डीपी यादव को प्रवेश नहीं दिया गया था| परन्तु इस बार तस्वीर बदल गयी है लगती है| खबरीलाल जी बताइए इन परिस्थियों में हम क्या करें?

खबरीलाल नौजवानों की जागरूकता से मन ही मन प्रसन्न हो रहे थे| नौजवानों की पीठ थपथपाते हुए बोले| आप लोगो को कुछ भी ख़ास नहीं करना है| आपको हर चुनाव में निष्पक्ष और निर्भीक होकर शत प्रतिशत मतदान के संकल्प को पूरा करना है| खबरी लाल आपसे ये नहीं कहते कि किसे वोट देना| यह आपका अपना अधिकार और कर्तव्य है| इसमें हमें या किसी को भी कोई दखलंदाजी नहीं करनी है| परन्तु एक सामान्य मतदाता के नाते खबरी लाल का भी यह अधिकार है कि वेह आपसे कहे कि आपको निष्पक्ष और निर्भीक कोहर शत प्रतिशत मतदान के लिए हर सम्भव प्रयास करना है|

खबरी लाल बोले यदि आप निष्पक्ष और निर्भीक होकर शत प्रतिशत मतदान की राह पर चलेंगे तब फिर राजनैतिक मजबूरियों के चलते राजनैतिक पार्टियाँ किसी को भी प्रत्याशी बना कर चुनाव मैदान में उतारे| परन्तु जीतेगा वाही जिसे आम आदमी जितना चाहेगा| किसी को बुरा मत कहिये| वोटो की मूसलाधार बरसात से राजनीति की सारी गंदगी को बहा दीजिये| राजनैतिक पार्टियों केवल अपने प्रत्याशी चुनती है| उन्हें अपनी मनमानी करने दीजिये| आप चुनाव के समुद्र मंथन में निष्पक्ष और निर्भीक होकर अच्छे जन प्रतिनिधि के रूप में अमृत निकाल दीजिये|

नए नए मतदाता बनने जा रहे नौजवान खबरी लाल की बातो से बहुत प्रसन्न हो गए| सभी एक स्वर में बोले हम सब गाँव गाँव के लिए सभी सम्भव प्रयास करेंगे| खबरी लाल सभी को सफलता की शुभकामनायें देकर पुनः धुप सेंकने छत पर चले गए|

उन्हें फुसत ही नहीं है- विकास कार्य ठप पड़े है-

क्या आपको पता है कि जिला सतकर्ता एवं निगरानी समिति की एक वर्ष से कोई बैठक नहीं हुई है| शासनादेशो के अनुसार क्षेत्रीय सांसद इस बैठक की अध्यक्षता करता है| यह बैठक तीन माह में होनी चाहिए| परन्तु माननीय सांसद पूर्व विधि एवं कानून मंत्री तथा वर्तमान विदेश मंत्री को अपने जिले के विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए पिछले एक वर्ष से फुर्सत ही नहीं मिली कि सतकर्ता एवं निगरानी समिति की बैठक हो| प्रस्तावों का अनुमोदन हो और धनराशी अवमुक्त हो| अरविन्द केजरीवाल को चुनौती देने वाले विदेश मंत्री अब शायद कुंठित हताश निराश होकर अपने जिले में आने से कतरा रहे है| क्यूंकि केजरीवाल यहाँ ठाठ से आये और चले गए|

एक सवाल समिति के सचिव जिलाधिकारी से| क्या आपने समिति के पड़ें अध्यक्ष को वास्तु स्थिति की जानकारी दी है| यदि दी है तो अध्यक्ष जी ने क्या कहा? यदि जानकारी नहीं दी तब फिर क्यूँ नहीं दी? जो कुछ भी है| जिले के अहम विकास कार्यों के सम्बन्ध में इस प्रकार की उदासीनता किसी भी दृष्टि से क्षम्य नहीं है|

और अंत में-

सपा के 55 लोकसभा प्रत्याशियों की सूची जारी हो गयी| फर्रुखाबाद का नाम गायब है| अपने को तीसमारखां समझने वालों के तोते उड़ गए| रातो रात मीडिया वालों की पूछ बढ़ गयी है| प्रायोजित खबरों की धूम मची है| चिट्ठी फैक्स का सञ्चालन बढ़ गया है| देखना है कि आने वाले दिनों में क्या गुल खिलाता है|

चलते चलते–=-

हर पिता यह चाहता है कि उसका पुत्र प्रगति करे| आगे बढ़े| इसमें कुछ भी गलत नहीं है| परन्तु तरीके समय के साथ बदल गए है| नगर और जिले में कहीं भी निकल जाईये| पिता पुत्र के बधाई संदेशो की होर्डिंग्स से सड़के पटी मिलेंगी| ऐसे माहौल में पिता पुत्र एक मीडिया कर्मी के यहाँ पुत्र जन्म पर अयोजीय कार्यक्रम में पहुच गए| पिता अनुभवी था| वह सभी से यथोचित अभिवादन के साथ मिला| होर्डिंगो की बरसात से भीगा पुत्र अकड़ा बैठा रहा| एक दिलजला नहीं माना| बोल बेटा तुम्हारी ही होर्डिंग्स लगी है| पुत्र बोला हाँ अंकल, कैसी लगी? बहुत अच्छी| परन्तु क्या तुम्हारे पिताजी ने तुम्हे अभिवादन का सामान्य शिष्टाचार भी नहीं सिखाया| इस पर पिता के निर्देश पर पुत्र ने वह सब किया जो उसे आते ही करना चाहिए था| आज बीएस इतना ही|
जय हिन्द

लेखक सतीश दीक्षित वरिष्ठ पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता, चिंतक, आयकर के वकील एवं समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के करीबी है|
सम्पर्क पता-
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