केजरीवाल के खिलाफ उछाले अपने ही सवालों में उलझी कांग्रेस

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फर्रुखाबाद: केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के ट्रस्‍ट में भ्रष्‍टाचार के आरोपों के चलते सवालों के घेरे में घिरी जिला कांग्रेस ने अब पलटवार करते हुए अरविंद केजरीवाल पर 17 प्रश्‍नों का सवालनामा उछाला है। परंतु स्‍थानी आईएसी कार्यकर्ताओं के जवाबों से लगता है कि कांग्रेस खुद ही उनमें उलझ जायेगी।

कांग्रेस जिलाध्‍यक्ष आफताब हुसैन के अतिरिक्‍त पुन्‍नी शुक्‍ला, कौशलेंद्र यादव, बाबी मिश्रा, अखलाख खां, राकेश चौहान, रवीश द्विवेदी, नफीस हुसैन एडवोकेट, विमलेश पाण्‍डेय, वीना कुशवाहा, अनिल मिश्रा एडवोकेट, अजय अनमोल, नईम अंसारी, उमाकांत अग्‍निहोत्री, इ्स्‍लाम चौधरी, सगीर अहमद एडवोकेट, अवधेश दीक्षित, म़त्‍युन्‍जय शर्मा, प्रमोद जैन, जीतू मिश्रा, प्रदीप राठौर, डा. दिनेश अग्‍निहोत्री, आदिल कामरान, मो. एहसन, लाल मियां व मोहसिन शम्‍सी के नाम से जारी एक पोस्‍टर में अरविंद केजरीवाल से 17 सवाल पूछे गये हैं।

मजे की बात है कि जो सवाल पूछे गये हैं वह इतने छिछले हैं जिनको आईएसी के कार्यकर्ता हवा में ही उड़ाये दे रहे हैं। उदाहरण के तौर पर पहला सवाल तो यह है कि ‘क्‍या यह सच है कि 20 साल की अपनी भारतीय राजस्‍व सेवा की नौकरी के दौरान आपका एक बार भी दिल्‍ली से बाहर तबादला नहीं हुआ।’ दूसरा सवाल है कि ‘क्‍या यह सच है कि भारतीय राजस्‍व सेवा में अधिकारी आपकी पत्‍नी का भी दिल्‍ली से बाहर कहीं तबादला नहीं हुआ।’ आएईसी कार्यकर्ता लक्ष्‍मण सिंह कहते हैं कि यदि तबादला नहीं हुआ तो इसमें अरविंद केजरीवाल का क्‍या दोष, यह तो उच्‍चाधिकारियों का काम था। हो सकता है कि उनकी योग्‍यता के चलते उनको उच्‍चाधिकारियों ने दिल्‍ली मुख्‍यालय से बाहर न भेजने का निर्णय किया हो। तीसरा सवाल है कि ‘क्‍या नौकरी में रहते हुए आपने भारत सरकार से अपना एनजीओ बनाने की अनुमति ली थी।’  जवाब है कि यदि ऐसा करना आवश्‍यक था तो रजिस्‍ट्रार ने एनजीओ पंजीकृत क्‍यों किया। यदि पंजीकरण गलत था तो संबंधित रजिस्‍ट्रार के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्‍यों नहीं की गयी। यदि तथ्‍यों को छिपाकर पंजीकरण कराया गया तो केजरीवाल या संबंधित एनजीओं के खिलाफ कोई कार्रवाई केंद्र या प्रदेश सरकारों ने क्‍यों नहीं की। आदि-आदि।  सवालों को बेबुनियाद बताते हुए जवाब में आईएसी कार्यकर्ता कहते हैं कि यदि अरविंद केजरीवाल ने कुछ भी गलत किया है तो केंद्र सरकार, दिल्‍ली सरकार या विभाग (आयकर विभाग) उनके विरुद्ध कार्यवाही करने से क्‍यों कतरा रही है। पाठकों की सुविधा के लिये हम पूरा पोस्‍टर यहां प्रकाशित कर रहे हैं।