जसपाल भट्टी : हंसते-हंसाते रुला गए

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इंजीनियर कहें या कार्टूनिस्ट, अभिनेता कहें या डायरेक्टर-प्रोड्यूसर, व्यंग्यकार कहें या फिर कॉमेडियन। जसपाल भट्टी एक ऐसा नाम है जिन्होंने जहां भी हाथ आजमाया वहां अपनी छाप छोड़ी।बहुमुखी प्रतिभा के धनी जसपाल भट्टी की सड़क हादसे में मौत हो गई है। जसपाल भट्टी की मौत जालंधर के पास शाहकोट में हुई।

तड़के करीब 3 बजे भटिंडा से लौटते वक्त उनकी कार एक पेड़ से टकरा गई। इस जानलेवा हादसे में जहां जसपाल भट्टी की मौत हो गई। वहीं कार में सवार उनके बेटे और उनकी आने वाली फिल्म पावर कट की हीरोइन गंभीर रूप से घायल हो गई। दोनों को इलाज के लिए पास के ही अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जसपाल भट्टी अपने फिल्म के प्रमोशन के सिलसिले में भटिंडा गए थे और बीती रात लौट रहे थे।

3 मार्च 1955 को अमृतसर में पैदा हुए जसपाल भट्टी शुरू से ही बहुमुखी प्रतिभा के धनी रहे हैं। चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले जसपाल का झुकाव शुरू से ही अभिनय की तरफ रहा। कॉलेज के दिनों में नॉनसेंस क्लब के जरिये उन्होंने स्ट्रीट प्ले से शुरुआत की। इसके बाद द ट्रिब्यून अखबार में कार्टूनिस्ट के तौर पर भी काम किया। लेकिन उन्होंने पहली बार तब सुर्खियां बटोरी जब दूरदर्शन में उल्टा पुल्टा शो लेकर आए।

विशुद्ध कॉमेडी और बिना द्विअर्थी संवाद के ही उन्होंने कॉमेडी की एक नई मिसाल पेश की। 80 के दशक में शुरू हुए इस शो के लोग दीवाने हो गए थे। हाल ये था कि लोग दूरदर्शन में सुबह सुबह इस शो का बेसब्री से इंतजार करते थे।

उल्टा पुल्टा के साथ कॉमेडी का जो करियर शुरू हुआ उसके बाद जसपाल भट्टी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उल्टा पुल्टा के बाद फ्लॉप शो में वो अपनी पत्नी के साथ नजर आए।

एक्टिंग के साथ साथ भट्टी ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। टीवी पर उनके दूसरे शोज में थैंक्यू जीजा जी, हॉय जिंदगी-बॉय जिंदगी, फुल टैंशन भी चर्चित रहे। छोटे पर्दे पर एक्टिंग के साथ साथ जसपाल भट्टी ने सब टीवी के शो कॉमेडी का किंग कौन में जज के भूमिका भी निभाई।

2008 में अपनी पत्नी सविता के साथ डांस शो नच बलिए में उन्होंने अपने डांस का हुनर भी दिखाया। टीवी शो ही नहीं बल्कि फिल्मों में भी जसपाल भट्टी ने कॉमेडी के रंग दिखाए। इनमें ‘फना’, ‘कुछ मीठा हो जाए’, ‘कुछ ना कहो’, ‘कोई मेरे दिल से पूछे’, ‘हमारा दिल आपके पास है’, ‘आ अब लौट चलें’, ‘इकबाल’, ‘कारतूस’ जैसी कई फिल्में शामिल हैं। हाल के समय में वो अपने बेटे के साथ पावर कट फिल्म में व्यस्त थे।

फिल्म और टीवी सीरियल ही नहीं बल्कि सड़क पर उतरकर भी जसपाल भट्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ी। कॉमेडी और व्यंग्य के जरिये न सिर्फ उन्होंने लोगों का मनोरंजन किया बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद की और हमेशा समसामयिक ज्वलंत मुद्दों को उठाया। इसके लिए उन्होंने कभी भी फूहड़ा भाषा या द्विअर्थी संवाद का सहारा नहीं लिया। उन्होंने जिस अंदाज में कॉमेडी की शुरुआत की आखिर तक उस स्तर को बरकरार रखा। आज जसपाल के निधन से कॉमेडी के एक युग का अंत हुआ है।

कार्टूनिस्ट

टेलिविजन में आने से पहले वह ट्रिब्यून अखबार के लिए कार्टून बनाया करते थे. उनके सबसे लोकप्रिय फ़्लॉप शो को उनकी पत्नी सविता भट्टी ने न सिर्फ प्रोड्यूस किया बल्कि उसमें अभिनय भी किया.

1999 में उन्होंने पंजाबी फ़िल्म माहौल ठीक है बनाकर फ़िल्म निर्देशन के क्षेत्र में कदम रखा. कुछ हल्कों में इस फ़िल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी उठी क्योंकि कि इसमें पुलिस अफसरों के शराबी और भृष्ट होने की खिल्ली उड़ाई गई थी.

बाद मे उन्होंने कई बॉलीवुड फिल्मों में भी काम किया. उनकी ताज़ा फ़िल्म पॉवर कट 26 अक्तूबर को रिलीज़ होने वाली है.

मोहाली में अपने प्लॉट पर उन्होंने एक बोर्ड लगा रखा था जिस पर लिखा था जसपाल भट्टी की राष्ट्रीय आधार शिला फ़ैक्ट्री. इस फ़ैक्ट्री का दावा था कि वह सभी अवसरों पर बहुत कम समय में आधारशिलाएं सप्लाई कर सकती है.

आम मुद्दों को हास्य के जरिए जनता के बीच ले जाने में जसपाल भट्टी को महारत हासिल थी.

मुद्रा स्फीति की ओर सबका ध्यान खींचने के लिए उन्होंने चंडीगढ़ में एक स्टॉल खोला जहाँ खाने की चीज़ों चावल, दल और तेल को अलग अलग जारों में रखा गया था. उनके आगे लिखा था, जार पर रिंग फेंक कर खाने की चीज़ें इनाम में जीतिए और अपनी पत्नी को खुश कीजिए.

जोक फ़ैक्ट्री

भट्टी के चुटीले हास्य की खूबी थी अपने आप पर हँसने और मज़ाक उड़ाने की कला. अपना वेब साइट पर वह अपना परिचय कुछ इस अंदाज़ में देते थे, ‘मैं सनडे ट्रिब्यून में नियमित कॉलम लिखता हूँ जिसकी वजह से ही उसकी बिक्री घटती जा रही है.’

अपने जीवन परिचय में वह अपने सारे स्कूलों के नाम बताया करते थे जहां उन्होंने पढ़ाई की थी. इसके बाद उनकी टिप्पणी होती थी कि इससे यह हरगिज़ मत समझिएगा कि मैं बहुत पढ़ा लिखा हूँ. वास्तव में मेरे सारे अध्यापक मुझे अपना शागिर्द कहते हुए शरमाते हैं.

उन्होंने अपनी पत्नी के साथ चंडीगढ़ में एक अभिनय स्कूल खोल था और उसके काम के अनुरूप उन्होंने इसका नाम रखा था ’जोक फ़ैक्ट्री ’

इस कार में जा रहे थे कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी

कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी की मौत की खबर पर पूरा कॉमेडी जगत सदमें में है।  कॉमेडी किंग जसपाल भट्टी सफेद रंग की कार में बठिंडा से जालंधर की ओर जा रहे थे। लेकिन शाहकोट के समीप उनकी कार हादसाग्रस्त हो गई।  कार बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई है। कार को उनके बेटे जसराज चला रहे था।  वो भी घायल हुए है। उन्‍हें लुधियाना के अस्‍पताल में दाखिल कराया गया है।