काम, क्रोध, लोभ, अहंकार रूपी रावण को जलाना ही दशहरा का मुख्य उद्देश्य

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फर्रुखाबाद: प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ओम निवास जटवारा जदीद पर मां दुर्गा के चेतन्य नव स्वरूपों का आयोजन किया। जिसमें केन्द्र प्रभारी बीके शोभा ने कहा कि दशहरा का मुख्य उद्देश्य काम, क्रोध, लोभ, अहंकार रूपी रावण को जलाना ही है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मोहन अग्रवाल ने मां दुर्गा के स्वरूपों का पूजन कर शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि नकारात्मक शक्तियां दैत्यों के पास थी। उस समय भी वैज्ञानिक शक्ति ज्यादा थी। मां दुर्गा के गुणों से कम से कम एक गुण गृहण करे। नवरात्रि का अर्थ ही बुराइयों को बढ़ाने से रोकना, सतधर्म की स्थापना करना है।

केन्द्र प्रभारी बीके शोभा ने कहा दुर्गा अर्थात दुर्गुणों का नाश करने वाली, शेर जैसी बड़ी बड़ी समस्याओं का निदान करने वाली, दशहरा पर काम, क्रोध, लोभ, अहंकार रूपी रावण को जलाना है। तभी राम राज्य रूपी दीपावली मना सकेगे। वीरेन्द्र मिश्र ने कहा कि किसी के बारे में बुरा नहीं सोचना चाहिए व सत्य मार्ग पर चलना चाहिए। कन्हैयालाल जैन ने कहा कि धारणा करने से ही धर्म की पालना होती है। पुष्पा सूद ने अतिथियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का समापन पुलिस अधीक्षक ने किया।

कार्यक्रम में बनी झांकियों में पूनम ने दुर्गा, आरती ने लक्ष्मी, गुंजन ने सरस्वती, नामसी ने संतोषी, पूजा ने काली, शोभा ने मीनाक्षी, सीमा ने ज्ञान गंगा, सोनाली ने वैष्णवी, दीपा ने कात्यायनी देवी का स्वरूप धारण किया। इस दौरान रमेश पाठक, नीलम, दीक्षा आदि मौजूद रहे।