बालू खनन माफियाओं की जेब में राजनैतिक संरक्षण: उमा भारती

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फर्रुखाबाद: भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय नेता व गंगा यात्रा की सूत्रधार उमा भारती ने कहा कि गंगा तट पर बसे शहरों में बालू खनन माफिया बेफिक्र होकर बालू खनन कर रहे हैं। जिसमें उन्हें राजनीतिक संरक्षण पूरी तरह प्राप्त है। इसी बजह से उन पर कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होती।

गंगा यात्रा पर आयीं साध्वी उमा भारती ने कहा कि पिछले जमाने में बालू का खनन किया जाता था लेकिन उसका रूप अलग था। बरसात में आने वाली बालू से गंगा की गहराई कम हो जाती थी। जिस बजह से कुछ विशेष जाति के लोग केवट व मल्लाह उसे हटाते थे। उससे गंगा को किसी प्रकार का खतरा नहीं था। लेकिन वर्तमान युग में राजनीतिक संरक्षण प्राप्त बालू माफिया बेखौफ होकर जगह जगह गंगा के सीने में छेद कर रहे हैं। जो बहुत ही चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता प्रभावित हो रही है। गंगा प्रदूषित हो रही है। जिसको लेकर 20 नवम्बर तक गंगा रक्षा अभियान चलाया जायेगा जो गंगा सागर से गंगोत्री तक होगा।

उन्होंने गंगा की महत्ता को सुनाते हुए कहा कि गंगा तकरीबन 50 करोड़ लोगों को रोजगार मुहैया कराती है। गंगा तट पर लगने वाले पूर्णमासी, अमावस्या, माघ, कुंभ इत्यादि के अलावा मछुआरों, केवटों को भी रोजगार दे रही है। इसी बजह से गंगा पूज्यनीय है। उन्होंने गंगा के प्रदूषण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि सोमनाथ के मंदिरों की तरह गंगा एक ऐसा मुद्दा होना चाहिए जो संसद तक में उठाया जाये। उन्होंने कहा कि गंगा समग्र यात्रा के बाद 20 नवम्बर को वैज्ञानिकों के साथ एक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें गंगा से जुड़े मुद्दे उठाये जायेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने जगह जगह से गंगा के पानी के सेम्पल लिये हैं। इसके बाद वह लिखित रूप से केन्द्र व राज्य सरकार को अवगत भी करायेंगी।

उन्होंने गंगा रक्षा हेतु केन्द्र व राज्य सरकारों को भी सचेत किया। उन्होंने कहा कि इस बावत उन्होंने संदेश के रूप में लोकसभा व राज्य सभा के 725 सांसदों को गंगा का जल भेंट किया।