नबावगंज (फर्रुखाबाद): केन्द्रीय कानून मंत्री व उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद पर डा0 जाकिर हुसैन ट्रस्ट के माध्यम से विकलांगों के नाम पर 71 लाख रुपये का घोटाले का खुलासा होने के बाद अब सियसी दांव पेंच शरु हो गये हैं। ट्रस्ट के अन्तर्गत नबावगंज में बैम्बू प्रोजेक्ट के नाम से ली गयी जमीन पर अब लाखों खर्च कर बने भवन में अब अस्पताल बनवाया गया है। जिसमें कई बेशकीमती मशीनें भी बंद पड़ी हैं। लेकिन इसका गरीबों को रत्ती मात्र भी लाभ नहीं मिला और वर्तमान में नबावगंज स्थित अस्पताल में ताला पड़ा हुआ है।
नबाबगंज में बैम्बू प्रोजेक्ट के नाम पर कानून मंत्री की पत्नी लुईस खुर्शीद द्वारा जमीन पर बांस की नर्सरी लगायी गयी थी। जिसमें बांस की नर्सरी के नाम पर अब मात्र कुछ अवशेष बचे हैं। वहीं नर्सरी की जगह पर अब जाकिर हुसैन ट्रस्ट के माध्यम से लुईस खुर्शीद व सलमान खुर्शीद ने गरीबों के नाम पर अस्पताल का निर्माण कराया। अस्पताल में ताला पड़ा हुआ है। किसी डाक्टर इत्यादि की अभी तक कोई तैनाती नहीं की गयी है।
जिस समय यह अस्पताल बनाया गया था तो नबावगंज क्षेत्र के गरीब ग्रामीणों को बड़े बड़े सपने दिखाये गये थे। उनको बताया गया था कि ट्रस्ट के माध्यम से बनवाये जा रहे अस्पताल में गरीबों का नि:शुल्क इलाज कराया जायेगा। जिसमें दिल्ली इत्यादि में किये जाने वाले आपरेशन तक नि:शुल्क नबावगंज में ही बाहर के डाक्टरों द्वारा करने की बात कही गयी थी। लेकिन आपरेशन करने की बात तो बहुत दूर की है। ट्रस्ट के माध्यम से बनवाये गये अस्पताल में ग्रामीणों को जुकाम तक की नीली पीली गोलियां देने वाला कोई नहीं है। अस्पताल में मात्र एक नौकर मुलायम ही देखरेख के लिए लगाया गया है। जो मात्र रखवाली करता रहता है। अस्पताल में रह रहे मुलायम सिंह ने बताया कि उसे सलमान खुर्शीद के करीबी उजैर खां प्रति माह तीन हजार रुपये देते हैं। जिससे वह देखरेख के लिए वहां तैनात है। इस अस्पताल में खून बदलने वाली मशीन (डायलसिस मशीन) भी लगायी है व काफी संख्या मरीजों के बेड बंद हैं।