धरे रह गये संतान की चाह में पुलिस को चकमा देकर भागे उमेश के मंसूबे

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फर्रुखाबाद: शातिर अपराधी उमेश बाथम पुलिस अभिरक्षा से 25 जुलाई 2011 को फरार हो गया था। जिसकी तलाश पुलिस को सरगर्मी से थी। बीती रात दिल्ली से उमेश को पुलिस ने धर दबोचा। इस बावत अपराधी उमेश ने बताया कि वह वंश वृद्वि के इरादे से पुलिस को चकमा देकर फरार हुआ था।

उमेश बाथम पर कई हत्या व लूट के मुकदमें अदालत में चल रहे हैं। जिसके चक्कर में उमेश केन्द्रीय कारागार में बंद था। 25 जुलाई 2011 को पुलिस उसे हथकड़ी लगाकर अदालत लायी थी। साथ में उसके साथ राधेश्याम उर्फ लौंझड़ी भी आया था। हथकड़ी का ताला ढीला होने की बजह से उमेश पुलिस की मौजूदगी में फरार हो गया था। बीती रात आईटीआई चौकी इंचार्ज जितेन्द्र सिंह चंदेल ने पुलिस फोर्स के साथ पहुंचकर उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया। गिरफ्तार कर लाये गये शातिर अपराधी उमेश बाथम ने बताया कि शादी के बाद उसके कोई संतान नहीं थी। अभिरक्षा से भागने का मकसद सिर्फ संतान पैदा करना था। जिसके चलते अभिरक्षा से भागने के बाद उसकी पत्नी के गर्भ ठहर गया था, लेकिन प्रसव से पहले ही बच्चे की मौत हो गयी। इधर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया। फिलहाल 14 माह बाद उमेश फिर जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जायेगा।

शहर कोतवाल विजय बहादुर सिंह ने बताया कि उमेश बाथम को पुलिस ने गुप्तचरों व आला अधिकारियों के निर्देशन में गिरफ्तार किया है। फिलहाल उसे जेल भेजा जायेगा।