पुलिस अभिरक्षा से भागा हत्यारोपी 13 वर्ष बाद मुठभेड़ में गिरफ्तार

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फर्रुखाबाद: थाना शमशाबाद क्षेत्र के ग्राम जटपूरा निवासी हत्यारोपी महिमा चन्द्र शाक्य उर्फ़ प्रताप को पुलिस ने फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर लिया| दोनों तरफ से फायरिंग भी की गयी| लेकिन किसी के भी घायल होने की सुचना नही मिली|

विदित हो कि 3 सितम्बर 1979 को महिमा चन्द्र शाक्य उर्फ़ प्रताप ने गाँव के ही राम सिंह यादव की दबंगई के चलते दिन दहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी थी| जिसके आरोपी प्रताप जेल में बंद था| शमशाबाद थाने में हत्या के दौरान धारा 302 के तहत मुकदमा भी पंजीकृत किया गया| जेल में 10 वर्ष रहने के बाद सन 1999 में ट्रेन द्वारा एटा पेशी पर जाते समय शातिर प्रताप पुलिस को चकमा देकर चलती ट्रेन से रुदायन स्टेशन के पास कूदकर फरार हो गया| जिसका मुकदमा जी.आर.पी कासगंज में धारा 224 , 223 के तहत दर्ज किया गया| तब से पुलिस को शातिर प्रताप शाक्य की तलाश थी| प्रताप इससे पूर्व भी कई बार पुलिस को चकमा दे चूका है|

13 वर्षो से फरार चल रहे हत्यारोपी महिमा चन्द्र शाक्य उर्फ़ प्रताप की तलाश पुलिस को काफी दिनों से थी बीती रात पुलिस को सुचना मिली कि आरोपी प्रताप फर्रुखाबाद रेलवे स्टेशन से कही जाने कि फिराक में है आरोपी कि तलाश में कई दिन पहले ही लखनऊ से आई एस.टी एफ की टीम का नेतृत्व कर रहे सी.ओ लखनऊ एस आनंद के अलावा उपनिरीक्षक संदीप मिश्रा सिपाही अरविन्द अवस्थी, नीरज पाण्डेय, तस्लीम खान, भूपेन्द्र सिंह ने फर्रुखाबाद में डेरा दाल लिया| सी.ओ एस आनंद ने बताया कि आरोपी के फर्रुखाबाद स्टेशन होने की सुचना उन्हें मिलते ही क्षेत्रीय थाना मऊदरवाजा के थानाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव से मामले की जानकारी दी गयी| एस.टी.एफ व मऊदरवाजा थाना पुलिस के सयुंक्त अभियान से फर्रुखाबाद स्टेशन की घेराबंदी की गयी थी| थानाध्यक्ष हरपाल सिंह यादव ने बताय कि आरोपी माल गोदाम के पास उन लोगों के हत्ते चढ़ गया| पुलिस को देखते ही आरोपी प्रताप ने फायरिंग शुरू कर दी जिसपर एस.टी.एफ ने भी जबाबी फायरिंग की| काफी देर बाद पुलिस ने आखिर महिमा चन्द्र शाक्य उर्फ़ प्रताप को दबोच लिया| पुलिस ने आरोपी के पास से एक देसी तमंचा तीन खोखा व दस जिन्दा कारतूस बरामद किये| पुलिस आरोपी को लेकर मऊदरवाजा थाने ले आई|

इस सम्बन्ध में थाना मऊदरवाजा हरपाल सिंह यादव ने बताया कि आरोपी पर मुकदमा पंजीकृत कर अदालत में पेश कर जेल भेजा जायेगा|

15000 का इनामी था हत्यारोपी प्रताप
पुलिस अभिरक्षा से चलती ट्रेन में फरार होने के बाद जी.आर.पी में मुकदमा पंजीकृत होने के बाद 21 अक्टूबर 2010 को जी.आर.पी अपर पुलिस महानिदेशक गुरु दर्शन लाल ने आरोपी की गिरफ़्तारी को लेकर 15000 रूपए का इनाम घोषित किया था|

चाचा की मौत का बदला लेने के लिए 20 वर्ष की उम्र में की थी हत्या
पकडे गए आरोपी महिमा चन्द्र शाक्य उर्फ़ प्रताप के चाचा को राम सिंह यादव द्वारा मारा पीटा गया था जिससे दुखी होकर प्रताप के चाचा ने फांसी लगाकर आत्महत्या करली थी| जिस बात को लेकर महिमा चन्द्र शाक्य ने राम सिंह यादव को जान से मरने की ठान ली थी| जिसके चलते तकरीबन 20 वर्ष की आयु में प्रताप ने राम सिंह यादव की गोली मारकर हत्या कर दी थी|