नहाय खाय के साथ 11 नवंबर से शुरू होगी छठ मइया की पूजा

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डेस्क:पुत्रों की दीर्घायु की कामना का पावन पर्व छठ पूजा 11 नवंबर को शुरू होगा। भगवान सूर्य और छठ मइया के पूजन के पर्व के पहले दिन नहाय खाय होगा। प्रथम दिन महिलाएं लौकी की सब्जी और भात (चावल) का सेवन कर पूजन पर्व का शुभारंभ करेंगी। पुत्रों की दीर्घायु की कामना वाले इस पर्व पर घाटों पर 13 नवंबर को संध्या के समय डूबते हुए सूर्य को और 14 नवंबर को उदय हो रहे सूर्य को अघ्र्य देकर महिलाएं छठी माता और भगवान भास्कर का पूजन करेंगी। उदय होते सूर्य का पूजन अर्चन करने के बाद ही दो दिनों के निर्जला व्रत का पारायण वे करेंगी।
व्रत के नियम
जो महिलाएं व्रत रखती हैं वह भूमि पर सोती हैं। गेंहू और चावल को धुलने के बाद सुखाया जाता है और फिर गेहूं को चाकी पर पीस कर आटे से ठेकुआ बनाया जाता है। पिसे हुए चावल का लड्डू बनाकर छठ मइया को अर्पित किया जाता है। खरना के दिन ही घरों में डलिया में फल, नारियल आदि रखा जाता है।
इन तिथियों में पर्व
11 नवंबर : नहाय खाय के साथ ही लौकी की सब्जी बनती है और चावल बनाया जाता है। इसी दिन से पर्व शुरू होगा।
12 नवंबर : खरना के दिन व्रती महिलाएं खीर और रोटी खाकर पूजन का शुभारंभ करेंगी। इसी रात्रि से व्रत शुरू हो जाएगा।
13 नवंबर : छठ मइया के पूजन के साथ ही संध्या के समय महिलाएं घाटों पर जाएंगी और अस्ताचलगामी सूर्य को अघ्र्य देंगी।
14 नवंबर : उदय होते सूर्य को घाटों पर अघ्र्य दिया जाएगा और फिर महिलाएं 24 घंटे के निर्जला व्रत का पारायण करेंगी।