चारा घोटाला:लालू,जगन्नाथ समेत 50 लोगों को मिली सजा,छह बरी

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रांची:चारा घोटाले से जुड़े चाईबासा कोषागार (आरसी 68 ए/96) से अवैध निकासी के मामले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्र को अदालत ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सश्रम कैद की सजा सुनाई। दोनों पर दस-दस लाख का जुर्माना भी लगाया है। सभी को भारतीय दंड संहिता और पीसी एक्ट के तहत दोषी पाया गया है। दोनों में एक समान सजा दी गई है। दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। जुर्माने की राशि जमा नहीं करने पर एक साल अतिरिक्त सजा काटनी होगी।
रांची की सीबीआई कोर्ट के जज एएसएस प्रसाद ने बुधवार को इस मामले के 50 अन्य आरोपितों को भी दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। जबकि छह आरोपितों को मामले से बरी कर दिया गया। अदालत ने सुबह 11.30 बजे फैसला सुनाया। इसके बाद सजा के बिंदु पर सुनवाई की। दोपहर बाद सजा भी सुना दी। अदालत ने दोषियों को साजिश रचने, धोखाधड़ी करने, फरजी आवंटन तैयार करने, फरजी बिल तैयार करने, सरकारी दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल करने और भ्रष्टाचार करने का दोषी माना है। चाईबासा कोषागार से 33.67 करोड़ के अवैध निकासी के मामले में सीबीआई ने वर्ष 1996 में मामला दर्ज किया था। इसके बाद से इस मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में हो रही थी।
किन्हें कितनी सजा मिली
राजनेता सजा जुर्माना
पूर्व सीएम लालू प्रसाद पांच साल दस लाख
पूर्व सीएम डॉ जगन्नाथ मिश्र पांच साल दस लाख
पूर्व सांसद जगदीश शर्मा पांच साल दस लाख
पूर्व मंत्री डॉ. आरके राणा पांच साल दस लाख
पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद तीन साल डेढ़ लाख
पूर्व विधायक ध्रुव भगत तीन साल डेढ़ लाख
आइएएस अधिकारी
पूर्व सचिव महेश प्रसाद चार साल दो लाख
पूर्व वित्त आयुक्त फूल चन्द्र सिंह चार साल दो लाख
पूर्व डीसी सजल चक्रवर्ती चार साल दो लाख
पशुपालन अधिकारी
डॉ. केएन झा पांच साल 12 लाख
डॉ. केएम प्रसाद पांच साल 12 लाख
डॉ. बीएन शर्मा पांच साल 12 लाख
व डॉ. अर्जुन शर्मा पांच साल 12 लाख
कोषागार पदाधिकारी
सिलास तिर्की पांच साल 12 लाख
आपूर्तिकर्ता जिन्हें मिली पांच साल की सजा और एक लाख का जुर्माना
मो सईद, मो हुसैन, मो इकराम, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद, सुरेश दुबे, सत्येंद्र कुमार मेहरा, उमेश दुबे, विजय कुमार मल्लिक, महेन्द्र कुमार कुंदन, राजेश मेहरा, जगमोहन लाल कक्कड़, संजय सिन्हा, रवि कुमार सिन्हा, मो जाहिद, दयानंद कश्यप, राम नंदन सिंह,शरद कुमार, बिजेश्वरी प्रसाद सिन्हा, समीर वालिया, प्रकाश कुमार लाल, देवेंद्र कुमार राय, सुभाशिष डे, रवि सिन्हा, अजित कुमार वर्मा, मोहिन्दर सिंह बेदी, हरीश कुमार, विमल कुमार अग्रवाल एवं सुनील कुमार सिन्हा।
आपूर्तिकर्ता जिन्हें मिली तीन साल की सजा
सुशील कुमार, निर्मला प्रसाद, श्रीनाथ सिंह, अनिता प्रसाद, सिद्धार्थ कुमार, ज्योति कुमार झा, चंचला सिन्हा और मधु मेहता।
जो बरी किए गए
डॉ. राम प्रकाश राम
डॉ. एमके श्रीवास्तव
रामावतार शर्मा
सुदेव राणा
विमला शर्मा
सीमा कुमार
एक नजर आरसी 68ए/96 पर
एफआईआर- 27/01/96
सीबीआई एफआईआर- 27/03/96
घोटाला- 33.67 करोड़ रुपए
कोषागार-चाईबासा
निकासी वर्ष – 1992-93
स्पेशल पीपी- बीएमपी सिंह
आरोप पत्र – 12/12/2001
धारा- आईपीसी 420, 120बी सहपठित 409, 420, 467, 468, 471 व 477ए एवं पीसी एक्ट 13(2) सहपठित 13(1)(इ)
आरोपियों की संख्या- 76
सुनवाई के दौरान मृत्यु- 14
सरकारी गवाह बने- 3
निर्णय पूर्व दोष स्वीकार – 2
ट्रायल फेस आरोपी- 56
आरोप तय- 25/04/2005
313 का बयान- जुलाई 2014
अभियोजन गवाही- 203
बचाव पक्ष की गवाही- 23(इसमें 17 लालू के गवाह)
तीन मामले में लालू को मिली सजा
चारा घोटाले से जुड़े तीन मामलों में लालू प्रसाद को सजा मिल गई है। चाईबासा कोषागार(आरसी 20ए/96) मामले में उन्हें तीन अक्तूबर 2013 को पांच साल की सजा मिली है। देवघर कोषागार (आरसी 67/9) मामले में साढ़े तीन साल और चाईबासा कोषागार ( आरसी 68 ए/96) मामले में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई गई है। डॉ जगन्नाथ मिश्र को आरसी 20 ए/96 मामले में चार साल और आरसी 68 ए/96 में पांच साल की सजा मिली। डॉ मिश्र देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में बरी हो चुके हैं।
दो और मामले में जारी है सुनवाई
लालू प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले के दो और मामले में सुनवाई चल रही है। यह मामला दुमका और डोरंडा कोषागार से जुड़ा है। दुमका कोषागार वाले मामले में अब अंतिम बहस होनी है। जबकि डोरंडा कोषागार के मामले में अभियोजन की गवाही चल रही है।