फर्रुखाबाद परिक्रमा: जहां टिकट वहीं ठौर-तू नहीं और सही, और नहीं और सही!
हार की बदहवासी के बाद हाथी वाले कसमसाने लगे हैं। बार बार यकीन दिलाया जा रहा है- ‘घोषित प्रत्याशी ही चुनाव लड़ेगा’। परन्तु कोई यकीन करने को तैयार नहीं है। सही ही कहा है- ‘बद अच्छा बदनाम बुरा’। दो पूर्व सांसद पूर्व सांसदों के बेटे, कई बार दल बदलने वाले, नई पार्टी बनाने वाले, उसे […]
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