फर्रुखाबाद: जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी से एम्बुलेंस सेवा का उदघाटन कराना मुख्य चिकित्साधिकारी को उस समय महंगा पड़ गया जब उन्होंने उदघाटन के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करनी शुरू कर दी। सीएमओ राकेश कुमार ने उस समय तो सिर ही पकड़ लिया जब जिलाधिकारी ने मीटिंग में मौजूद न होने को लेकर एसीएमओ कालका प्रसाद की क्लास लगानी शुरू की।
उत्तर प्रदेश एम्बुलेंस सेवा का शुभारंभ सोमवार को होना था। जिसके लिए मुख्य चिकित्साधिकारी राकेश कुमार ने जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी बी को उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया। डीएम ने सीएमओ कार्यालय पहुंचकर हरी झण्डी दिखाकर चार एम्बुलेंस को आम जनता के लिए मुहैया कराया। जनपद स्वास्थ्य विभाग की ओर से 11 एम्बुलेंस मांगी गयीं थी। लेकिन शासन स्तर से चार एम्बुलेंस जनपद के लिए मुहैया करायीं गयीं। जिनमें एक प्राथमिक स्वास्यकेन्द्र राजेपुर, एक सामुदायिक स्वास्थ्यकेन्द्र कायमगंज, एक कमालगंज व एक नबावगंज के लिए दी गयी है।
एम्बुलेंस सेवाओं को हरीझण्डी दिखाकर उदघाटन करने के बाद जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी सीएमओ कार्यालय में बैठ गये व जनपद की स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करने लगे। जिलाधिकारी ने वहां मौजूद एसीएमओ कालका प्रसाद की क्लास लगानी शुरू की तो सीएमओ राकेश कुमार तो अपना सर ही पकड़ कर बैठ गये। जिलाधिकारी ने एसीएमओ कालका प्रसाद से कहा कि आप मीटिंग में मौजूद नहीं रहते और न ही एएनएम की अलग से बैठक बुलाते हो। जिस पर कालका प्रसाद ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमें जीओ दिया गया है कि कम से कम दो एएनएम केन्द्र का प्रतिदिन निरीक्षण किया जाये। जिससे हम निरीक्षण कार्य में व्यस्त रहते हैं और समय नहीं मिलता। जिस पर जिलाधिकारी ने हड़काते हुए कहा कि ऐसा कोई जीओ मैने तो नहीं पढ़ा। आप काम न करने का बहाना ढूंढ़ते रहते हो। अगली बार यदि आपकी शिकायत मिलती है तो कार्यवाही की जायेगी।