राष्ट्रपति चुनाव: प्रणब मुखर्जी की भारी जीत

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देश के अगले राष्ट्रपति के लिए 16 जुलाई को हुए मतदान के बाद आज संसद भवन के कमरा नंबर 63 में वोटों की गिनती शुरू हो गई। केंद्रीय गृह मंत्री पी.चिदम्बरम और केंद्रीय संसदीय राज्य मंत्री राजीव शुक्ला मतगणना स्थल पर मौजूद हैं। यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी और विपक्ष समर्थित पूर्णो संगमा के बीच सीधा मुकाबला है। लेकिन आकड़े प्रणब के पक्ष में हैं। सांसदों के 748 वोट की गिनती पूरी होने के बाद 15 को रद्द किया गया है। 206 संगमा के पक्ष में गए हैं जबकि 527 प्रणब को मिले हैं। फिलहाल प्रणब मुखर्जी ने जीत का आंकड़ा पार कर लिया है। औपचारिक रूप से उनके विजयी होने की घोषणा होना बाकी है।

महाराष्ट्र में प्रणब मुखर्जी को 225 वोट मिले जबकि संगमा को 47 वोट मिले हैं। जबकि मध्यप्रदेश में प्रणब मुखर्जी को 73 वोट मिले और पीए संगमा को 156 वोट मिले हैं। केरला में प्रणब मुखर्जी को 124 वोट मिले हैं। कर्नाटक में संगमा को 103 वोट और प्रणब दा को 117 वोट मिले हैं।

हिमाचल प्रदेश में प्रणब मुखर्जी को 23 वोट मिले हैं, जबकि पीए संगमा को 44 वोट मिले हैं। हरियाणा में प्रणब को 53 वोट और संगमा को 29 वोट मिले हैं। जबकि गुजरात में प्रणब को 59 वोट मिले हैं, जबकि संगमा को 123 वोट मिले हैं।

गोवा में प्रणब मुखर्जी को 9 और संगमा को 31 वोट मिले हैं। छत्तीसगढ़ में प्रणब को 39 और संगमा को 50 वोट मिले हैं। बिहार में 4 वोट इनवैलिड हुए जबकि प्रणब को 146 और संगमा को 90 वोट मिले हैं। असम में प्रणब को 110 वोट मिले हैं। जबकि संगमा को केवल 13 वोट मिले हैं।

सूत्रों के मुताबिक सासंदों के वोटों की गिनती के बाद एल्फाबेटिकल क्रम से शुरू हुई राज्यों के वोटों की गिनती उम्मीद के मुताबिक ही रही। आंध्र में कुल 182 वोट प्रणब को मिले जबकि संगमा को 3 ही वोट मिले। सियासी गणित के हिसाब से संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के उम्मीदवार मुखर्जी का देश का 13वां राष्ट्रपति बनना तय हो गया है।

76 साल के मुखर्जी को यूपीए के अलावा एनडीए और वाम मोर्चा के भी कई घटक दलों का समर्थन मिलने से उनकी जीत पक्की मानी जा रही है। सिर्फ इंतजार इस बात का है कि उन्हें कितने मत मिलते हैं और वह कितने अंतर से जीतते हैं।

राष्ट्रपति चुनाव में कुल मत 10 लाख 98 हजार 882 है और जीत के लिए 5 लाख 49 हजार 422 वोटो की जरुरत होगी। मुखर्जी को कम से कम सात लाख 20 हजार वोट मिलने की संभावना है।

इस चुनाव के लिए राज्यसभा के महासचिव वी के अग्निहोत्री को मुख्य निर्वाचन अधिकारी और संयुक्त सचिव एस के गांगुली और दीपक गोयल को सहायक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया था। इसके अलावा सभी विधानसभाओं के सचिवों को भी सहायक निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था। राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है और नए राष्ट्रपति को शपथ इसके अगले दिन शपथ दिलाई जाएगी।