फर्रुखाबाद: प्रशासन द्वारा बालू खनन पर रोक के बावजूद बालू खनन माफिया अपना धन्धा धड़ल्ले से कर रहे हैं। जिसको पुलिस व प्रशासन का संरक्षण प्राप्त है। तभी तो भरी दोपहरी में बालू से भरी बुग्गियां प्रशासन व पुलिस की नाक के नीचे से ही भरकर शहर के लिए आती हैं। लेकिन खाकी मुहं फेरकर अलग हट लेती है। हटे भी क्यों न बुग्गी चालक उनकी मुट्ठी गरम जो कर देते हैं।
बालू का खनन सभी घाटों पर बखूबी जारी है। गाड़ियां रात के सुनसान में घाटों से भरकर पूर्व निहित जगह पर पहुंचा दी जाती हैं जब तक लोग जागते हैं तब तक काम हो चुका होता है। किसी को यह तक नहीं पता चलता कि बालू आखिर आयी कहां से। पुलिस भी कान पर डेला रखकर बैठ जाती है।
बसपा सरकार में धड़ल्ले से होने वाली बालू खनन पर अवैध वसूली को रोकने के लिए समाजवादी सरकार में जहां बालू खनन पर अवैध वसूली रोकने के लिए बड़े-बड़े वयान तो जारी किये जा रहे हैं लेकिन हकीकत में बालू खनन रोकने के लिए कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। जिससे बालू खनन माफियाओं की अभी भी बल्ले-बल्ले है।
पुलिस की साठगांठ से टाउनहाल, घटियाघाट, बेबररोड, लोको रोड, कंपिल, शमशाबाद, कमालगंज आदि से बालू का खनन धड़ल्ले से किया जा रहा है। ऐसा नहीं है कि बालू खनन की जानकारी प्रशासन को नहीं है। सारी बालू किसी न किसी चौकी के सामने से ही गुजरती है। लेकिन उन्हें भी क्या परी 60 रुपये तो मिल ही जाते हैं।
एक बुग्गी चालक सुरेश ने बताया कि पुलिस प्रति बुग्गी 60 रुपये लेती है फिर किसी का भय नहीं रहता। यही नहीं ये बुग्गी चालक शहर के चौक बाजार में दर्जनों इकट्ठी होती है। जहां से सुबह जरूरतमंद इन बालू भरी बुग्गियों को खरीदकर लाते हैं।
जो भी हो बालू माफिया प्रशासन की आंखों में धूल झोंक अपना कारोबार धड़ल्ले से चला रहे हैं जिसे कोई देखने वाला नहीं है।