फर्रुखाबादः केन्द्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद की ओर से विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता का उल्लंघन कर दिये गये मुस्लिम आरक्षण के वयान का फंडा फुस्स हो गया। प्रदेश स्तर पर तो इसका लाभ नहीं ही मिला, स्वयं उनकी पत्नी तक की जमानत तब्त हो गयी।
विदित है केन्द्र सरकार में कानून मंत्री सलमान खुर्शीद इसी जनपद से सांसद भी हैं। यह उनका गृह जनपद भी है। यहीं सदर विधानसभा क्षेत्र से उनकी पत्नी लुईस खुर्शीद कांग्रेस की प्रत्याशी भी थीं। अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार के दौरान सलमान खुर्शीद ने शहर के एक मुस्लिम बहुल इलाके में पिछड़े मुस्लिमों को 8 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने का जो वयान दिया था उस पर राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक बबन्डर उठा था और निर्वाचन आयोग ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन माना था। यहां तक कि सलमान खुर्शीद को निर्वाचन आयोग से लिखित रूप से माफी तक मांगनी पड़ी थी।
अपने कूटनीतिक वयानों के लिए चर्चित और धर्मनिरपेक्ष मुस्लिम नेता की छवि को दरकिनार कर सलमान खुर्शीद ने मुस्लिम आरक्षण का जो फन्डा विधानसभा चुनाव के दौरान फेंका था वह प्रदेश स्तर पर तो फुस्स हो ही गया, यहां तक कि उनकी पत्नी सहित जनपद के चारो कांग्रेस प्रत्याशी अपनी जमानत तक नहीं बचा सके। यहां तक कि मुस्लिम बहुल कायमगंज विधानसभा क्षेत्र तक में कांग्रेस प्रत्याशी शकुंतला गौतम को सम्मानजनक हार तक नसीब नहीं हुई।