जन लोकपाल आंदोलन के बाद टीम अन्ना नई रणनीति बनाने में जुट गई है। रालेगण सिद्धी में टीम अन्ना की कोर कमेटी की बैठक आयोजित हुई। बैठक के बाद टीम के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने बताया कि अन्ना प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे। इसमें राइट टु रिजेक्ट, राइट टु रिकॉल और भूमि अधिग्रहण के बारे में प्रधानमंत्री की राय पूछी जाएगी।
इनमें से कोई विकल्प नहीं : केजरीवाल ने कहा, अन्ना चाहते हैं सांसदों की जवाबदेही तय की जाए। अगर संसदीय क्षेत्र के मतदाता किसी भी उम्मीदवार को नहीं चाहते है तो उनके मतपत्र या वोटिंग मशीन में ‘इनमें से कोई नहीं’ विकल्प भी होना चाहिए। उनसे जब यह पूछा गया कि यदि प्रधानमंत्री ने इस पत्र का जवाब नहीं दिया तब वह क्या करेंगे, तो उन्होंने कहा, हम पहले पत्र लिखकर देख रहे हैं।
अरुणा राय को चुनौती : टीम अन्ना ने जन लोकपाल बिल पर अरुणा राय को सार्वजनिक मंच पर चर्चा का न्योता दे दिया है। केजरीवाल ने कहा, अरुणा राय का यह कहना गलत है कि हम उनसे चर्चा नहीं करना चाहते। वही हमसे चर्चा के लिए तैयार नहीं हैं। उनकी टीम चाहे तो इस मुद्दे पर हमारे साथ सार्वजनिक मंच पर चर्चा कर सकती है। वैसे भी उन्होंने सिर्फ प्रस्ताव दिया है। बिल नहीं।
भूमि अधिग्रहण कानून : केजरीवाल ने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल बिना जनता से बात किए पेश कर दिया गया है। इसे लोगों की राय लेकर फिर से संसद में पेश किया जाए। टीम अन्ना चाहती है कि किसी भी महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए ग्रामसभा की मंजूरी के बिना गांव की जमीन न ली जाए। इसके अलावा ग्राम सभाओं को ज्यादा अधिकार दिए जाएं। आडवाणी की रथयात्रा पर टीम अन्ना के अलग-अलग सुर भ्रष्टाचार के खिलाफ आडवाणी की रथयात्रा पर टीम अन्ना में अलग-अलग सुर सुनाई दे रहे हैं।
रालेगण सिद्धी में सदस्यों से जब इस बारे में पूछा गया तो उनके जवाब कुछ इस तरह के थे। ‘हमारा समर्थन हर उस व्यक्ति को है, जो हमारे मुद्दों पर साथ है। फिर वह चाहे किसी भी पार्टी का हो।’ -किरण बेदी
‘देश को जनलोकपाल बिल चाहिए। रथयात्रा नहीं। हम किसी भी पार्टी का समर्थन नहीं कर रहे हैं।’
-अरविंद केजरीवाल
‘देर सबेर लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त समाज के महत्व का अहसास हो रहा है। हम उन सभी लोगों का स्वागत करते हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़ा होना चाहते हैं।’
-मेधा पाटकर
सांसदों को घेरने का आह्वान रालेगण सिद्धी. अन्ना हजारे ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसी पार्टी और नेताओं पर नजर रखें, जो जनलोकपाल बिल का विरोध करते हैं। उन्होंने ऐसे सांसदों का घेराव करने को कहा। अन्ना ने यह अपील गांव में अन्ना व उनके सहयोगियों की बैठक के पहले की। अन्ना ने कहा, जब तक संसद में जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता यह आंदोलन नहीं रुकेगा। अगर सरकार ने इसमें देरी की तो हम जंतर-मंतर पर फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा, अब हम चुनाव सुधारों के लिए काम करना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि संसद में जाने के लिए न्यूनतम योग्यता तय होनी चाहिए। हजारे के अनुसार, सरकार को एक और इंजेक्शन की जरूरत है। यह चुनाव प्रणाली में सुधार के लिए होगा। वे अपने गांव में लोगों को संबोधित कर रहे थे।