फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) माघ मकरगति रवि जब होई, तीरथ पतिहि आव सब कोई। देव दनुज किन्नर नर श्रेणी, सादर मज्जहि सकल त्रिवेणी।। गोस्वामी तुलसीदास ने माघ माह में कल्पवास की जिस महिमा का वर्णन किया है, वह पांचाल घाट गंगा तट पर पहले ही जीवंत होने लगा। माघ मेला रामनगरिया के लिए गंगा की रेती में तंबुओं का शहर बस गया है। इस अवधि में काया तो नहीं बदलती, लेकिन उनके अंतर्मन का कायाकल्प जरूर होगा। कल्पवास के दौरान पहला गंगा स्नान मकर संक्राति मंगलवार यानी 14 जनवरी को है| लेकिन जिम्मेदारों की तरफ से अभी तक गंगा में गिर रहे गंदे नाले पर रोंक नही लगायी जा सकी है| जिससे मकर संक्राति पर श्रद्धालु गंगा में गिर रहे गंदे नाले के पानी से ही आचमन करेंगे|
आज सोमवार को शाम को माघ मेला श्रीरामनगरिया का शुभारम्भ होना है| जिसको लेकर सभी तैयारी पूर्ण कर ली गयीं है| मेला कल्पवास के लिए भी जुड़ चुका है| पूर्ण तैयारियों के बीच एक बड़ी चूक नजर आ रही है | शहर के माधौपुर, हनुमान गढ़ी व भैरव घाट से आने वाला नाला बिना किसी रोंकटोंक के गंगा में गिर रह है| जिससे गंगा में नाले का संगम फोटो में आप साफ तरह से देख सकते है | माघ मेला कोई मजाक नही है, लाखों श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र है| जनपद से ही नही बल्कि गैर जनपदों से लाखों लोग गंगा में आस्था में डुबकी लगायेंगे| जिम्मेदार मौन है| विदित है कि एक
जनप्रतिनिधि है, जब वह सरकार में नही थे तो इसी नाले में खड़े होकर मीडिया से फोटो सेशन कराते थे| लेकिन अब जब वह सत्ता में हैं तो उन्हें भी यह सब देखने का समय नही! मेला रामनगरिया अध्यात्म का यह शहर अभी से रंग-बिरंग तंबुओं की बस्ती के रूप में शोभायमान हो उठा। माघ मेले के दौरान पौष पूर्णिमा से लेकर माघी पूर्णिमा तक कल्पवास किया जाता है। हरदोई, शाहजहांपुर, बरेली, बदायूं, मैनपुरी, एटा, इटावा, कन्नौज आदि जिलों से भी बड़ी संख्या में कल्पवासी पहुंचे हैं। आज यानि 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा भी है लेकिन उसके बाद भी नाले को रोंकनें का कोई प्रयास नही है| कम से कम गंगा स्नान के विशेष पर्वों पर तो नाले को किसी ना किसी तरह रोंकनें की व्यवस्था की जा सकती है, जब तक टीटमेंट प्लांट चालू नही होता|
दुर्वाषा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास महाराज नें बताया कि जिला प्रशासन आँख बंद किये है| गंगा में जो गंदे नाले गिर रहे हैं उन्हें तत्काल बंद किया जाना चाहिए, पीएम मोदी गंगा को अबिरल बनानें के लिए करोड़ो रूपये खर्च कर रहें है,सीएम योगी गंगा और गाय पर ही दिन-रात लगे हैं, लेकिन जिले में जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी नही समझ रहे| जिला प्रशासन को ठोस कदम उठाना चाहिए|
अपर जिलाधिकारी सुभाष चन्द्र प्रजापति नें बताया कहा कि ईओ को तत्काल नाले बंद करनें के लिए कहा गया है| उन्हें मौके पर जाने के निर्देश दिये गये है|
पौष पूर्णिमा व मकर संक्रांति पर भी गंगा में गंदे नाले का संगम, घोल रहा जहर!
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