फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जिले में हर साल बसंतपंचमी पर शहर का आसमान रंग बिरंगी पतंगों से पट जाता है। इस बार बसंत पंचमी 14 फरवरी को मनाई जाएगी। इसी दिन शहर में सबसे अधिक पतंगों और डोर का कारोबार भी होता है। बसंत पंचमी से सप्ताह भर पूर्व ही शहर में पतंगों की बिक्री और उड़ाने का सिलसिला शुरू हो गया। इस बार भी बसंत पंचमी पर होने वाली पतंगबाजी का शहर में दौर शुरू हो चुका है। जिसके चलते सुबह से ही आसमान पर रंगबिरंगी पतंगों का नजारा देखने को मिलने लगा है। घर की छतों से पतंगबाजी का लुत्फ ले रहे युवा और बच्चों की ये काटा, वो काटा की आवाज सुनना आम हो गया है।
घर की छतों पर बच्चे पतंगबाजी का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं। पतंगबाजी का शौक रखने वालों की ओर से अभी से पतंगबाजी शुरू किये जाने के कारण शहर में पतंग और डोर का कारोबार भी बढ़ रहा है। वहीं, प्रतिबंधित चीन निर्मित डोर का कारोबार भी चरम पर है। कई बार बड़ी दुर्घटनाओं को अंजाम देने वाली चीन निर्मित डोर का पतंगबाजी में इस्तेमाल प्रतिबंधित होने के बावजूद अब तक बंद नहीं हुआ है। पतंगों के कारोबार की आड़ में चोरी-छिपे इस प्रतिबंधित डोर को धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। पतंगबाजी का शौक रखने वाले अभिनंदन वर्मा की माने तो हर साल केवल मकर संक्रांति पर ही जमकर पतंगबाजी देखने को मिलती थी।
बसंत पंचमी के त्यौहार में एक दिन ही शेष रह गए हैं और युवाओं ने अभी से इसकी तैयारियां शुरू कर दी है। शहर के सभी बाजारों में पतंगों की दुकानें सजी हुई है, जिनपर युवा, बच्चे जमकर खरीददारी कर रहे हैं। बाजार में युवाओं और बच्चों को रिझाने के लिए पतंग विक्रेताओं ने कई डिजाइनों की छोटी पतंग उतारे हैं। बता दें कि पूरे जनपद में बसंत पंचमी के त्यौहार पर सबसे अधिक पतंगबाजी शहर में होती है। जिले में पतंगबाजी का उत्साह युवाओं और बच्चों पर छाया हुआ है। पतंगों की पेंच लड़ाने का सिलसिला शुरु हो गया है। पतंग कटने के बाद नई पतंग खरीदने के लिए बच्चे दुकानों पर पहुंच रहे हैं। इससे पतंग की दुकानों पर बच्चों की भीड़ देखी गई।
नही मिल पा रहे साउंड सिस्टम
बसंत पंचमी पर युवाओं को साउंड सिस्टम नहीं मिल रहे हैं। क्योंकि साउंड की एडवांस बुकिंग होने के कारण उन्हें साउंड लेने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। साउंड सिस्टम का काम करने वाले के मुताबिक बसंत पंचमी पर साउंड सिस्टम लगवाने वालों ने एक महीने पहले ही एडवांस बुकिंग करवा दी थी।