फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) न्यायालय से लम्बे समय से फरार चल रहे दारोगा सहित आधा दर्जन पुलिस कर्मियों के खिलाफ 82 का नोटिस चस्पा करनें के आदेश के बाद भी आरोपी पुलिस कर्मी न्यायालय में हाजिर नही हुए| जिससे न्यायालय नें कड़ी नाराजगी जाहिर कर सम्बधित जनपद के एसपी से आख्या तलब की है| आख्या ना देनें पर उनके खिलाफ भी कार्यवाही की चेतावनी दी है|
दरअसल बीते 31 जनवरी 2008 में कोतवाली फतेहगढ़ के मोहल्ला बजाजा निवासी अधिवक्ता शहजाद अली नें न्यायालय में वाद तत्कालीन क्यू आरटी प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार, सिपाही महा राज सिंह, विजेंद्र सिंह, छबिराम सिंह, राजवीर सिंह, नीरज सिंह, घनश्याम सिंह, विनोद कुमार के खिलाफ भाई आमिर अली उर्फ मोंटी को अकारण मारपीट कर उसे कोतवाली ले जाकर बंद करनें के बाद उसके ऊपर पुलिस पर फायरिंग करनें आदि मामले में गिरफ्तार कर लिया|
इसी मामले में अधिवक्ता शहजाद अली नें न्यायालय से न्याय की गुहार लगायी| जिसमे कोर्ट में मात्र सिपाही विनोद कुमार नें ही अपनी जमानत करायी| अन्य अभियुक्त पुलिस कर्मी न्यायालय में हाजिर नही हुए| न्यायालय नें वर्तमान में विभिन्य जनपदों में तैनात पुलिस कर्मियों के खिलाफ 82 का नोटिस चस्पा करनें के आदेश भी दिये लेकिन सम्बन्धित पुलिस अधिकारियों नें कोई आख्या न्यायालय में पेश नही की और ना ही आरोपी पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर पेश किया| लिहाजा अधिवक्ता डॉ. दीपक द्विवेदी की पैरवी पर न्यायालय नें सम्बधित जनपदों के पुलिस अधीक्षक को आदेश दिये हैं कि आरोपियों के खिलाफ जारी किये गये 82 के नोटिस की आख्या पेश करें अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 के तहत कार्यवाही करायी जायेगी|
क्या है सीआरपीसी की धारा 349
अधिवक्ता दीपक द्विवेदी नें बताया कि सीआरपीसी की धारा 349 के तहत अदालत के आदेश पर उत्तर अथवा दस्तावेज पेश न करने वाले व्यक्ति को न्यायालय कारण लिखते हुए सात दिन के साधारण कारावास अथवा न्यायालय के किसी अधिकारी की अभिरक्षा में दे सकता है।