लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आज से पेंशनर्स की सभी दिक्कतें समाप्त हो रही हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ई-पेंशन पोटर्स का लोकार्पण किया है। जिस पर अपना ब्यौरा भर देने के बाद सरकारी कर्मी को रिटायरमेंट के बाद भुगतान तथा अन्य देय के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है कि रिटायरमेंट के तीन दिन के अंदर ही सभी सरकारी कर्मियों का पेंशन पेमेंट आर्डर जारी होने के साथ ही उनके अन्य सभी भुगतान की प्रक्रिया भी समाप्त होगी|
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में श्रम दिवस (एक मई) के अवसर पर पेंशन व पेंशनर से संबंधित सेवाओं के प्रबंधन के लिए ई-पेंशन पोर्टल का शुभारम्भ किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस तरह सुविधा देने वाला देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश शासन ने आज ई-पेंशन पोर्टल https://epension.up.nic.in का शुभारंभ किया है। जिससे 11.5 लाख कार्मिक सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने उन 1220 पेंशनरों के खाते में पेंशन भेजी जो कि 31 मार्च 2022 को रिटायर हुए हैं। इसकी शुरुआत से अब पेंशनर्स को अपने सभी देय के लिए व्यर्थ की भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी। एक क्लिक पर उनका सारा ब्यौरा कोषागार में मिलेगी। सरकारी कर्मचारी को रिटायरमेंट से छह महीने पहले इस ई-पेंशन पोर्टल पर अपना आवेदन करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा से प्रदेश ने पांच वर्ष में तकनीक का अधिकाधिक उपयोग किया है। उसी का परिणाम है कि प्रत्येक क्षेत्र में परिवर्तन देखने को मिल रहा है। ई-पेंशन पोर्टल इसी प्रक्रिया का एक हिस्सा है, ताकि आपके जीवन को और सरल किया जा सके। ई-पेंशन पोर्टल आनलाइन डैशबोर्ड से पूर्ण रूप से अनुरक्षित होगा। उत्तर प्रदेश, देश का पहला राज्य होगा, जो अपने पेंशन धारकों को यह सुविधा प्रदान करने जा रहा है। अब पेंशन के लिए किसी को भी भटकना नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने राज्य के कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान को लेकर कदम उठाया है। तकनीक के उपयोग से व्यापक परिवर्तन आया है। अब तो पेंशन धारकों की समस्या को दूर किया गया है। अब तो पेंशनर्स को परेशान नहीं होना पड़ेगा। पेंशन के लिए किसी को भटकना नहीं पड़ेगा। अब तो पेपर लेस और कैशलेस प्रक्रिया होगी। इन सभी का अब पेंशनभोगी नहीं पेंशनयोगी के रूप में सम्मान होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों ने प्रदेश के विकास में अपना योगदान दिया है उन्हें मिलने वाली पेंशन उनके द्वारा प्रदेश के विकास और कल्याण के लिए किए गए कार्य का प्रतिफल है इसलिए वह पेंशन भोगी नहीं पेंशन योगी हैं।
अवनति की ओर ले जाएगी नकारात्मकता : योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे लगता है कि नकारात्मकता कभी भी व्यक्ति को उन्नति के शिखर पर नहीं पहुंचा सकती, वो हमेशा व्यक्ति को अवनति की ओर ले जाएगी इसलिए अच्छी सोच हमेशा हमें आगे बढ़ाती है और उसी अच्छी सोच से सरकार ने आपके लिए ई-पेंशन पोर्टल भी लागू किया है। हमको समाज के लिए उपयोगी बनना होगा, अगर इस भाव के काम होंगे तो सफलता निश्चित ही मिलेगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी प्रदेशवासियों को श्रम दिवस की शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कहा कि ई-पेंशन की यह सुविधा आगे पुलिस विभाग तथा छोटे हर अन्य विभागों को भी मिलेगी। इसके साथ ही आगे चलकर मृतक आश्रितों की नौकरी के लिए भी ऐसा ही आनलाइन पोर्टल बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम समाज के पिछड़े वर्ग को मुख्य धारा में लाने के प्रयास में लगे हैं। इसी क्रम में हम प्रदेश के अंदर अनाथ और श्रमिकों के बच्चों के लिए 18 आवासीय विद्यालय खोलेंगे। जिससे कि यह सभी अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वित्त विभाग ने ई-पेंशन पोर्टल का विकास किया है। इस पोर्टल के जरिये ऐसी व्यवस्था की गई है कि सेवानिवृत्त होने वाले राज्य कर्मचारियों का पेंशन पेमेंट आर्डर जारी होने के बाद उनकी ग्रेच्युटी तथा राशिकरण का भुगतान सेवानिवृत्ति तिथि से अगले तीन कार्यदिवसों में कर दिया जाएगा। इसके साथ ही, पेंशन प्रारंभ होने की तारीख को पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान आनलाइन कर दिया जाएगा। सचिव वित्त संजय कुमार के निर्देश पर सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारी ई-पेंशन पोर्टल के उद्घाटन कार्यक्रम से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। इनके साथ जिले के मुख्य या वरिष्ठ कोषाधिकारी और जिला कोषागार से पेंशन प्राप्त करने वाले 50-100 पेंशनरों की भी इस मौके पर उपस्थिति थी। कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के साथ वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा तथा अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल भी मौजूद थे।
पूरी व्यवस्था मानवीय हस्तक्षेप से रहित : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ई-पेंशन पोर्टल ईज आफ लिविंग की दिशा में राज्य सरकार का एक और कदम है। इसके जरिये पेंशन स्वीकृति की पूरी प्रक्रिया सुगम होगी। अभी तक राज्य कर्मचारियों को अपने रिटायरमेंट के आखिरी छह महीने में पेंशन के कागजात पूरे करने के लिए पापड़ बेलने पड़ते थे। उन्हें शायद इसलिए बुरा नहीं लगता था क्योंकि जाने अनजाने पेंशन स्वीकृति के लिए उन्होंने दूसरों कर्मचारियों को भी परेशान किया होगा। अब ई-पेंशन पोर्टल के माध्यम से इस पूरी व्यवस्था को मानवीय हस्तक्षेप से रहित और कागज रहित बनाने के साथ इसमें पेंशन स्वीकृति के लिए किसी प्रकार के लेनदेन की गुंजाइश खत्म कर दी गई है। आने वाले समय में रिटायर होने वाले कर्मचारी को पेंशन के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा। रिटायरमेंट से तीन माह पहले कर्मचारी का पेंशन पेमेंट आर्डर स्वीकृत हो जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले चरण में जुलाई में पुलिस, शिक्षा समेत अन्य विभागों को भी पोर्टल से जोड़ा जाएगा।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की ओर से दिए गए सुझाव पर मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र को निर्देश दिया कि वह मृत कर्मचारियों के आश्रितों को देयकों के भुगतान और मृतक आश्रितों को नौकरी देने के लिए भी इस तरह के पोर्टल को विकसित करने की कार्यवाही करें। इससे पूर्व वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने ई पोर्टल के माध्यम से पेंशन स्वीकृति की कार्यवाही के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रिटायर होने वाले कर्मचारी को सेवानिवृत्ति से छह महीने पहले ई पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद सारी जिम्मेदारी अधिकारियों की होगी। आहरण वितरण अधिकारी पेंशनर के आवेदन का अगले 30 दिनों में सत्यापन करेगा और उसे पेंशन पेमेंट ऑर्डर जारी करने वाले अधिकारी को फारवर्ड करेगा। पीपीओ जारी करने वाला अधिकारी अगले 30 दिनों में पेंशन स्वीकृति का आदेश जारी करेगा। सारी प्रक्रिया निदेशक पेंशन की देखरेख में होगी। यदि कहीं कोई कमी या कोई आवश्यकता महसूस हुई तो पेंशनर को एसएमएस के जरिये इसकी सूचना दी जाएगी। रिटायरमेंट से तीन महीने पहले पेंशन पेमेंट आर्डर स्वीकृत हो जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को पेंशन से संबंधित सभी सेवाओं को पूरी तरह से डिजिटल मोड में कांटैक्टलेस, पेपरलेस और कैशलेस रूप से कराने के लिए आनलाइन पेंशन पोर्टल विकसित किया गया है। इसमें व्यवस्था है कि सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारी को अपनी सेवानिवृत्ति के छह माह पहले आनलाइन आवेदन करना होगा।
ऐसे करेगा काम : आनलाइन सेवा पोर्टल epension.up.nic.in के तहत पीपीओ जारी हो जाने के बाद ग्रेच्युटी, राशिकरण का भुगतान कार्मिक की सेवानिवृत्ति तारीख के बाद तीन कार्य दिवसों में हो सकेगा। तय तिथि पर पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान भी आनलाइन हो जाएगा। इसके तहत कर्मचारी को उसके लागिन आइडी बन जाने के एक महीने के अंदर यूनीक इम्प्लाई कोड और पंजीकृत मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर ई-पेंशन पोर्टल पर प्रदर्शित हो रहे फार्म को आनलाइन भरना होगा। इस दौरान अपने सेवा संबंधी अभिलेख पोर्टल पर अपलोड भी कर सकते हैं। आहरण एवं वितरण अधिकारी सबमिट किये गए फार्म को वह एक महीने के अंदर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने वाले अधिकारी को फारवर्ड करेगा। आहरण एवं वितरण अधिकारी से पेंशन प्रपत्र प्राप्त होने पर एक महीने के अंदर पेंशन पेमेंट आर्डर जारी करने वाले अधिकारी की ओर से पीपीओ जारी कर दिया जाएगा। पीपीओ जारी होने के बाद ग्रेच्युटी तथा राशिकरण का भुगतान सेवानिवृत्ति तिथि से अगले तीन कार्यदिवसों में तथा पेंशन प्रारंभ होने की तारीख को पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन का भुगतान आनलाइन हो जाएगा। प्रथम भुगतान के लिए कोषागार में व्यक्तिगत उपस्थिति जरूरी नहीं होगी।