Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeLUCKNOWयूपी में सात 7 लाख से ज्यादा अपात्रों से पीएम किसान निधि...

यूपी में सात 7 लाख से ज्यादा अपात्रों से पीएम किसान निधि होगी वापस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि अपात्रों को भी मिली है। ऐसे लोग जो लघु या सीमांत किसान नहीं हैं, उनकी तादाद सात लाख दस हजार से भी अधिक है। कृषि विभाग ने सभी जिलों में निधि पाने वालों की पड़ताल कराई तो हकीकत सामने आ गई। इसमें विभाग भी कम जिम्मेदार नहीं है, क्योंकि सत्यापन में सबसे अधिक गड़बड़ियां गलत खातों में धन भेजे जाने की हैं। वहीं, 2.34 लाख किसान ऐसे भी मिले हैं, जो आयकरदाता हैं। सत्यापन में पुष्टि के बाद अपात्रों से धन वापस लिया जाएगा, इसका जिम्मा जिलों में तैनात विभागीय अफसरों को सौंपा गया है।
केंद्र सरकार फरवरी, 2019 से लघु व सीमांत किसानों के खाते में हर चार महीने में दो हजार रुपये सहित कुल छह हजार रुपये प्रतिवर्ष भेज रही है। प्रदेश में 16.48 करोड़ किसानों को एक से लेकर आठ किस्तें मिली हैं। योजना के दो साल पूरे होने पर केंद्र सरकार ने तकनीक के जरिये पड़ताल शुरू की कि कहीं अपात्र तो लाभ नहीं ले रहे? निधि वाले बैंक खातों को आधार व आयकर विभाग से लिंक किया गया तो सामने आया कि आयकरदाता भी सम्मान ले रहे हैं।
केंद्र ने ऐसे किसानों पर सीधे कार्रवाई न करके राज्य सरकार को सत्यापन कराने का निर्देश दिया। कृषि विभाग ने जिला प्रशासन के साथ सभी जिलों में जांच कराई। जिलों में आयकरदाता के अलावा भी कई बिंदुओं पर जांच की गई, 15 जुलाई तक सत्यापन का कार्य लगभग पूरा हो गया। इसमें सामने आया कि लोग अन्य तरीकों से भी निधि हासिल कर रहे हैं। जैसे, लाभार्थी की मौत होने के बाद भी सम्मान निधि खातों में आती रही, फर्जी आधार कार्ड से भी निधि हड़पी गई है।
इन बिंदुओं की जांच में मिले अपात्र
1.
आयकरदाता : 2,34,010
2. मृतक किसान : 32,300
3. गलत खाते, फर्जी आधार : 3,86,000
4. अन्य वजह से अपात्र जैसे भूलेख आदि : 57,900
कुल : 7,10,210
खाते में जमा होगा वसूला गया धन : कृषि निदेशक विवेक सिंह ने बताया कि प्रदेश में मिले अपात्रों से धन की रिकवरी करके उसे खाते में जमा कराया जाएगा, मुख्यालय पर निदेशक व वित्त नियंत्रक का संयुक्त खाता खोला गया है। रिकवरी का जिम्मा जिलों में तैनात उप कृषि निदेशकों को दिया गया है। यह भी निर्देश हैं कि रिकवरी होने पर संबंधित को उसकी रसीद दी जाए।
बड़े पैमाने पर शिकायतों का निस्तारण : अभियान के दौरान 2020-21 के पांच प्रतिशत व 2021-22 के दस फीसद लाभार्थियों की जांच की गई। वहीं, 2,83,280 शिकायतें मिली थीं, उनमें से दो लाख 80 हजार निस्तारित कर दी गई हैं। निदेशक ने बताया कि रिकवरी खाते का नंबर सार्वजनिक करने पर मंथन किया जा रहा है, ताकि लोग स्वेच्छा से धन लौटा सकें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

Recent Comments