फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) मिट्टी के बर्तनों, दीपों और मटकों को सुंदर आकृति प्रदान करने वाले कुम्हारों के दिन अब बहुरने वाले हैं। सरकार कुम्हारों को मुफ्त विधुत चालित चाक देनें की तैयारी में है| जिसके लिए आवेदन मांगे गये है|
दरअसल कम मेहनत में ज्यादा माल का निर्माण और ठीक-ठाक मुनाफा देने के लिए सरकार ने कुम्हारों को इलेक्ट्रानिक चाक मुहैया करानें की तैयारी की है। हाईटेक युग ने अब कुम्हारों के लिए भी राहत के दिन आ गये है| बाजार में चाइनीज सामानों की पकड़ बढ़ने से कुम्हारों के बुरे दिन शुरू हो गए थे। बची-कुची कसर को लॉकडाउन ने पूरा कर दिया। नतीजा यह है कि कुम्हारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। कुम्हारों की मेहनत का फल उन्हें नहीं मिल पा रहा है। वजह साफ थी, मिट्टी के चाक पर अधिक मेहनत करने पर भी दीपों की संख्या कम ही रह जाती थी। बार-बार चाक घुमाने से शाम तक कुम्हार की हालत पतली होना लाजमी था। इलेक्ट्रानिक चाक कुम्हारों के लिए खुशखबरी लेकर आया है जिससे कम मेहनत में अधिक मिट्टी के बर्तन बनाए जा सकेंगे।
कैसे होगा आवेदन, क्या बोले जिम्मेदार
जिला ग्रामोद्योग अधिकारी का कहना है कि 18 वर्ष से 55 वर्ष के बीच के कुम्हारों के आवेदनमांगे गये है| आवेदन उत्तर-प्रदेश खादी ग्रामोद्योग बोर्ड, शहर के ठंडी सड़क स्थित जिला ग्रामोद्योग कार्यालय से नामांकन पत्र प्राप्त कर आगामी 20 जून तक जमा करानें है| आवेदन के साथ ही आधार कार्ड, राशन कार्ड, फोटो, जाति प्रमाण पत्र व प्रशिक्षण प्रमाण पत्र की छायाप्रति संलग्न करनी होगी| इसके बाद तय समय पर नि:शुल्क विधुत चालित चाक उपलब्ध कराया जायेगा|