लखनऊ: भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार की महिलाओं पर अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दो आरोपितों की संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया। एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने बसपा के तत्कालीन महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी और रामअचल राजभर की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने इंस्पेक्टर हजरतगंज को कुर्की की कार्यवाही की आख्या 22 फरवरी को पेश करने का आदेश दिया है।
22 जुलाई, 2016 को दर्ज हुई थी एफआइआर
दरअसल, 22 जुलाई 2016 को दयाशंकर सिंह की मां तेतरी देवी ने हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज कराई थी। इस मामले में नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के अलावा मेवालाल गौतम, नौशाद अली व एएस राव भी आरोपित हैं। आरोपितों के खिलाफ हजरतगंज पुलिस ने 12 जनवरी 2018 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। एफआइआर में तेतरी देवी ने पूर्व मुख्यमंत्री मायावती को भी नामजद किया था।
यह था मामला
हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर नसीमुद्दीन और रामअचल राजभर के नेतृत्व में बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता एकत्र हुए थे। उस दौरान आरोपितों ने दयाशंकर सिंह की मां, बहन व बेटी के लिए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। आरोप है कि भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया गया था।