फर्रुखाबाद:(राजेपुर) चारे के लिए टीनशेड डाल कर गांव कुडरी सारंगपुर में बनाई गोशाला में गायों की हिफाजत के लिए कोई इंतजाम नहीं है। जिससे भूंखी प्यासी गाय धीमी मौत मर रही है| जिले में अब तक खोली जा चुकी सरकारी गोशालाओं में गायों को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है।
शासन के निर्देश पर बनायी गयी इस गाँव की गौशाला में हमीरपुर परतापुर, माखन नगला व कुडरी सारंगपुर के आवारा मबेशी रखे गये है| कुल मिलाकर 125 गायों और गौवंशों को इस गौशाला में रखा गया है| 42 बीघा में बनी इस गौशाला में ग्राम प्रधान ने गाँव के विकास का चार लाख रुपया लगा दिया| अब प्रधान ने बजट के आभाव में हाथ खड़े कर दिये| बीते कई दिनों से गायों को पेट भर चारा नही मिला| गौशाला की सीमा पर लगाये गये कटीले तारों से दर्जन भर गाय कटकर जख्मी हो गयी है| जिनका कागजों में इलाज चल रहा है| राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल गोसंरक्षण के लिए किए जा रहे कार्य यंहा नाकाफी है।
क्षेत्र की अधिकतर ग्राम पंचायतों में खोली गई गोशालाओं के संचालन कार्य ग्राम प्रधान देख रहे है। ग्राम प्रधानों ने गायों की देखभाल के लिए मजदूर रख लिए हैं। मजदूरों के हवाले छोड़ी गई गोशालाओं में गायों की दुर्गति हो रही है।
प्रधान पति बबलू ने बताया कि अधिकारीयों के कहने पर गाँव के विकास का वजट गायों व गौशाला पर खर्च कर दिया गया| लेकिन अब वजट ना होने से चारे आदि की समस्या हो रही है|