Sunday, January 12, 2025
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ग्रामीण उवाच: जीरागौर में प्रस्तावित तालाब की खुदाई का विरोध

फर्रुखाबाद: आचार संहिता समाप्त होने के बाद ही विकास कार्यो में गति पकड़ने लगी है| रुकी हुई सरकारी योजनाओ को अमली जमा पहनाया जाने लगा है| मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन के लिए सरकारी खाली पड़ी भूमि पर तालाब खुदवाने के काम शुरू हो रहे है| कई महीनो से आर्थिक सूखे की मार झेल रहे ग्राम प्रधानो और सचिवो के चेहरों पर भयंकर लू लपट में भी रौनक लौटने लगी है| इसीलिए तो ग्राम पंचायतो में नए शुरू हो रहे कार्यो को उद्घाटन कराने के लिए खूब टेंट वेंट लगाकर शरबत बाटा जा रहा है| ऐसे में कई ग्रामो में नए तालाबो के लिए चयन किये गए खेतो पर ग्रामीणों को एतराज भी हो रहा है और उनके दर्द भी सामने आ रहे है| कमालगंज के जीरागौर गाँव में तालाब की खुदाई के विरोध का ऐसा ही मामला सामने आया है|

पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जिलाधिकारी को कमालगंज के जीरागौर में एक नए तालाब के खोदने का काम शुरू करने का उद्घाटन करना था| उद्घाटन के लिए टेंट सामान सब आ गया था मगर ऐन समय पर जिलाधिकारी का कार्यक्रम निरस्त हो गया और उन्होंने अमृतपुर क्षेत्र में तालाब का उद्घाटन कर दिया|ये तो स्पष्ट नहीं हो सका कि ऐसा क्यों हुआ मगर जीरागौर में मौके पर पहुचे जेएनआई संवादताता मुइड खान को जीरागौर के ग्रामीण नए खुद रहे तालाब पर दो भागो में बाटे नजर आये|वर्तमान प्रधान ने बताया कि नवीन परती पड़ी 13 डेसीमल जमीन नए तालाब के लिए चयन की गयी है| इस जमीन को कई किसान फसल उगाने के लिए थोड़े थोड़े भाग को अपने अपने खेत में मिलाये हुए थे जिसे राजस्व विभाग द्वारा चयनित कर लिया गया|

वहीँ ग्रामीणों का कहना यह है कि ये 13 डेसीमल जमीन गाँव और रास्ते से लगी हुई है| चूँकि जमीन छोटी है लिहाजा कुछ समय पश्चात आस पास के खेतो की मिटटी भी इसमें समां जाएगी और रास्ते के किनारे होने से हमेशा दुर्घटना का खतरा भी बाना रहेगा| उन्होंने सुझाव दिया कि गाँव से कुछ दूरी पर एक बड़ा तालाब पहले से ही है अगर गाँव से निकलने वाले पानी को नाला बनाकर उस तालाब तक पंहुचा दिया जाए तो खतरा भी नहीं रहेगा और जलभराव आदि की समस्या हल हो जाएगी|

इस सम्बन्ध में संवाददाता ने जब तहसीलदार से उनका पक्ष पूछा तो उन्होंने बताया कि उन्होंने ग्रामीणों की समस्या सुनने के बाद प्रधान को यही सुझाव दिया था कि नाला बनाकर दूर के तालाब तक पानी पंहुचा दिया जाए मगर वर्तमान प्रधान ने अपनी जिद के आगे न मानी| इधर जिलाधिकारी के न आने से ग्रामीण अपना पक्ष न रख सके और उन्होंने अपनी फ़रियाद जिला प्रशासन तक पहुचाने की गुहार मीडिया से लगाई|

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