फर्रुखाबाद: सरकारी बैंक में 11 बिन्दुओं की हुई जाँच में करोड़ों रूपये के गोलमाल किये जाने की पुष्टि के बाद अब पूर्व अध्यक्ष छोटे सिंह यादव सहित कई पर शासन की कार्यवाही का शिकंजा कसने की तैयारी है|
बीते 7 दिसम्बर 2017 को भाजपा के पूर्व जिलामहामंत्री विमल कटियार ने आयुक्त एवं निवंधन सहकारिता को सहकारी बैंक में हुए 11 बिन्दुओं के करोड़ों के घोटाले की जाँच के लिए शिकायत की थी| जिसकी आयुक्त के द्वारा जांच करायी गयी|लगभग एक वर्ष तक चली जाँच के बाद आखिर 7 दिसम्बर 2018 को जाँच पूरी हुई तो शिकायत की पुष्टि हो गयी| जिसमें सहकारी बैंक में किये गये घोटाले को सही पाया गया|
जिसके तहत अब बैंक में घोटाला करने के आरोप में कौन-कौन दोषी है इसका अभी पता लगाना बांकी है| जिसके लिए अपर आयुक्त व अपर निबंधक विजय कुमार मिश्रा ने तीन सदस्यीय कमेटी बना दी| जिसमे सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता फर्रुखाबाद को अध्यक्ष,श्रीप्रकाश उपाध्यय अपर जिला सहकारी अधिकारी तहसील सदर,रामेन्द्र पाल अपर जिला सहकारी अधिकारी तहसील अमृतपुर को सदस्य बनाया गया है| कमेटी को आगामी 15 मार्च 2019 तक अपनी जाँच आख्या प्रस्तुत करने के आदेश जारी किये है| सम्भावना जतायी जा रही है कि अब यूपी सहकारी समिति अधिनियम 1965 की धारा 66 के तहत वित्तीय क्षति का आंकलन कर बसूली भी की जायेगी|
क्या थे वह बिंदु जिसमे करोड़ों का घोटाला पकड़ा गया
पूर्व अध्यक्ष छोटे सिंह यादव के द्वारा जय हिन्द ट्रेडर्स के नाम अरबों रूपये के बैंक ड्राफ्ट बनवाये गये| सहकारी निर्वाचन आयोग को वेबकूफ़ बनाकर अपनी पुत्र बधू को अध्यक्ष बनाया गया| जून 2016 में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्तियां की गयी| जिसमे इनके द्वारा अपने सगे सम्बन्धियों की नियुक्तियां की गयी|शब्बीर खां के विरुद्ध बहवलपुर समिति 2012-13 के आडिट में गम्भीर आपत्तियां दर्ज है|बिना भवन की रिपेयरिंग कराये 20 लाख रूपये निकाल लिए गये| इसके अलावा कई बिंदु है जिन पर बड़ी घपले बाजी की शिकायत की गयी है|