Wednesday, December 25, 2024
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गंगा-जमुनी तहजीब की मिशाल बन रहा जेल में बंदियों का रोजा

फर्रुखाबाद:(दीपक-शुक्ला) रमजान का पवित्र माह शुरू हो गया। जहां एक ओर लोगों ने सुबह सहरी कर पहला रोजा रखा। वहीं सेन्ट्रल जेल में बंद बंदियों ने भी रोजे रखे। मुस्लिम समाज के करीब 175 कैदियों ने अल्लाह की रजा (खुशी) हासिल करने के लिए रमजान का रोजा रखा। जिनकी सहरी और इफ्तार की जिम्मेदारी जेल प्रशासन ने उठाई।
शुक्रवार को केन्द्रीय कारागार में गंगा-जमुनी तहजीब का अनूठा नमूना देखने को मिला| जंहा मुस्लिम बंदीयों ने रोजे रखे तथा नमाज अदा कर अल्लाह से अपने किए की तौबा की। तो हिन्दू बंदियों ने उनका इसमे पूरा सहयोग किया| जेल प्रशासन ने मुस्लिम कैदियों के रोजे के लिए अलग से विशेष व्यवस्था की हुई है। सुबह सहरी में खाने की व्यवस्था और रोजा इफ्तार के लिए भी खास इंतजाम किए गए। लगभग सेन्ट्रल जेल में 175 मुस्लिम बंदियों ने रोजे रखे हैं। रमजान माह को देखते हुए सहरी व इफ्तार की व्यवस्था की गई है। जिसमें उन्हें खजूर, दूध और चना के अलावा फल और भोजन दिया जा रहा है। पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुस्लिम रोजेदारों के लिए सहरी और इफ्तार की व्यवस्था की गई है। ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी न हो।
प्रभारी जेलर केपी चंदीला ने बताया कि जेल में करीब 175 मुस्लिम बंदी रोजा रखे है। उन्हें शासनादेश के अनुसार दूध,खजूर, केला,ब्रेड,बिस्कुट आदि की व्यवस्था की गई है। गंर्मी में पीने के पानी का विशेष प्रबंध किया गया है। सभी नमाजी बंदियों को एक-एक लोटा,कटोरी तथा पानी की घड़िया उपलब्ध कराई गई है। डीआईजी जेल वीपी त्रिपाठी ने बताया की बंदियों को रोज रखने में कोई परेशानी ना हो एक्से शख्त निर्देश दिये गये है|

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