फर्रुखाबाद: एशिया की सबसे बड़ी सातनपुर आलू मंडी में माफिया आढ़ती किसानों को खुलेआम लूट रहे हैं| किसी भी राजनैतिक दल के पास किसानों की समस्या की सुध लेने की फुरसत नहीं है| सब को न्याय व पारदर्शिता का दावा करने वाली बसपा सरकार का आलू मंडी में क़ानून का कोई भय नहीं है|
आढ़तियों की माफियागीरी के कारण बीते कई वर्षों से उन्ही का क़ानून चल रहा है| मंडी समिति की ओर से आलू की नीलामी की व्यस्था बंद है जिसका सीधा लाभ माफिया उठा रहे हैं| ऐसे ही आढ़ती रोजाना सुबह मनमाने ढंग से इस तरह आलू का भाव खोलते हैं जिससे व्यापारियों को अधिक से अधिक लाभ हो सके| दिखावे में कुछ आढ़तियों से आलू की सौदेवाजी की नौटंकी की जाती है|
आज आलू का भाव २२१ रुपये प्रति कुंटल खोला गया| अनेकों जागरूक किसानों ने इस भाव पर आलू बेंचने से साफ़ मना कर दिया और २७५ रुपये तक के भाव में आलू बेंचा| इसी भाव में बीते दिन भी आलू बिका| बीते दिन आलू का भाव २२५ रुपये खोला गया था|
आसाम के लिए आलू की रैक लोड होने के कारण अचानक भाव में सुर्खी आयी है| इस स्थित को देखते हुये आज आलू का भाव करीब २५० रुपये पार्टी कुंटल खोला जाना चाहिए था| बीते दिन की अपेक्षा आज के भाव में ४ रुपये और गिरा देने की बात किसी के गले से नहीं उतर सकती|
अब यह साफ़ हो गया है कि आलू का भाव खोलने वाले आढ़ती किसानों के कतई हितैषी नहीं है| बीते करीब ५ वर्षों से आलू आढ़ती एसोशिएशन का चुनाव भी नहीं हुआ है| अजय गंगवार उर्फ़ सन्नू अध्यक्ष हैं पहले किसान नेता एवं आलू आढ़ती सतीश वर्मा नेता जी, राम रतन शाक्य, शैलेन्द्र यादव आदि आढ़ती किसानों की समस्याओं को उठाते रहते थे|
मंडी सचिव हरविलाश सिंह यादव ने बताया कि इंस्पेक्टरों की कमी के कारण आलू की नीलामी नहीं हो पा रही है| नशेड़ी इंस्पेक्टर जनार्दन मिश्रा बीमार व रिटायरमेंट के करीब हैं| एक इंस्पेक्टर कल ही कानपुर से बहाल होकर आये हैं| मंडी में ६ इंस्पेक्टरों के पद हैं|