विकास का मुद्दा लगभग गायब हो चला है| समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी दोनों को मुस्लिम वोटरों की दरकार है| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्या ने कह ही दिया है कि उन्हें मुस्लिम मतदाता की जरुरत नहीं है| उत्तर प्रदेश के 19 फ़ीसदी मुस्लिम मतदाताओ के सामने सपा और बसपा कटोरा लिए खड़े है| दोनों ही दल मुस्लिमो के विकास का दावा ठोक रहे है| जबकि देश में 60 साल के राज में मुस्लिमो की दशा और दुर्दशा के लिए जिम्मेदार कांग्रेस सपा के साथ गठबंधन किये हुए है| सपा के लिए कांग्रेस का गठबंधन कोई विशेष लाभ का सौदा नहीं दिख रहा| मुस्लिम वोटो के ठेकेदारों ने भी बसपा के पक्ष में फ़तवा जारी कर दिया है|
कुल मिलाकर उत्तर प्रदेश के प्रथम चरण के चुनाव में 11 फरवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोट डाले जायेंगे| प्रथम चरण से उठी हवा अंतिम चरण तक कायम रहेगी ऐसा राजनैतिक विश्लेषक मानते है| फिलहाल फर्रुखाबाद जनपद की चारो सीटो पर मुकाबला सपा और भाजपा में होने के आसार लगने लगे है| हालाँकि सदर सीट पर बसपा प्रत्याशी उमर खान मुस्लिम प्रत्याशी होने के नाते कुछ मजबूत स्थिति में दिख रहे है| 19 फरवरी को होने वाली वोटिंग का रुख कुछ कुछ साफ़ हो चला है| चारो विधानसभाओ में प्रत्याशियो के पास विकास के नाम पर गिनाने को कुछ खास नहीं है| नाली, खडंजा, सड़के हैन्डपम्प और निजी स्कूलों के विकास के अलावा सत्ताधारी विधायको के पास गिनाने को कुछ नहीं और विपक्ष में रहे बसपा और भाजपा के प्रत्याशियो ने जनता के हित में ऐसा कोई आन्दोलन खड़ा नहीं किया जो याद रखने लायक हो|
कुल मिलाकर सभी प्रत्याशी जात पात का खेल खेल रहे है| नेताओ के जनसम्पर्क और भ्रमण कार्यक्रम जाति के हिसाब से तय हो रहे है| नुक्कड़ सभाओं में कुछ कहने के लिए है नहीं| और ज्यादा बड़ी बात ये है कि इन्हें इनके समर्थको के सिवाय कोई सुनाता ही नहीं| दरवाजे पर वोट मांगने पहुचे नेता को मतदाता बड़ी हिकारत भरी नजर से देखते हुए कुटिल व्यंग्यात्मक मुस्कान फेकते हुए वोट देने का वादा कर पीछा सा छुड़ा रहा है| स्टार प्रचारको को बुलाकर मीडिया में जगह भरी जा रही है| फ़िल्मी सुन्दरियों के चुनाव प्रचार के रेट हाई होने और चुनाव आयोग को हिसाब देने से डरे नेताओ ने अभिनेत्रियो को बुलाने का अब तक कोई कार्यक्रम नहीं बनाया है|
और जो स्टार प्रचारक पार्टी के नेता भी बुलाये जा रहे है वे भी जाति के हिसाब से| ठाकुर नेता ठाकुर बाहुल्य इलाके में दहाड़ेगा और मुस्लिम नेता मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में| मायावती और अखिलेश मुसलमानों को अपने पक्ष में वोट करने के कारण समझायेंगे और अमित शाह और केशव मौर्या प्रदेश में भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाएंगे| समर्थक ताली बजायेंगे| वो दौर अब नहीं रहा जब रेली में आम आदमी जाता था और वापस आकर अपने गाँव मोहल्ले में रेली की चर्चा कर माहौल बनता था| नेताओ की सभा की ताह्सीर हेलीकाप्टर से उडी धुल के बैठने के साथ ही समाप्त हो जाती है| 70 वोटर वोट किसे देना तय कर चुका है| आमतौर पर फ्लोटिंग वोटर जो लगभग 30 फ़ीसदी आँका जाता है और किसी पार्टी या प्रत्याशी के साथ तटस्थ नहीं होता सबसे प्रभावी होता है| यही 30 फ़ीसदी वोटर हवा के रुख के साथ वोट करने वाला है| इसमें इस बार सबसे ज्यादा संख्या मुस्लिमो की ही होनी है| वैसे इनकी पहचान बहुत मुश्किल नहीं होती| तमाम बार इन 30 फ़ीसदी वोटरों को मतगणना के बाद मतगणना केन्द्रों से बाहर निकलते विजयी प्रत्याशी के साथ भीड़ बढ़ाते देखा है|