चींटियों से सीखें प्रबंधन का हुनर

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सेल्फ-हेल्प : हममें से अधिकतर लोग प्रेरणा लेने और बेहतरी के लिए नामी लोगों की ओर ही देखते हैं। हम उनकी सफलता के राज जानने को उत्सुक रहते हैं, लेकिन यह भूल जाते हैं कि जिंदगी के बड़े सबक कई बार हमारे आस-पास की छोटी-छोटी चीजों से भी मिल सकते हैं। इस मामले में चींटियों से भी सबक लिया जा सकता है। आपको बताते चलें कि मोटिवेशनल गुरु जिम रॉन ने ‘एंट्स फिलॉसफी’ का विकास किया है। जिम ने चींटियों की चार खूबियों की ओर इशारा किया है, जिन्हें हम अपने जीवन में आत्मसात कर सकते हैं।

हार न मानना :

क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि चींटियां हमेशा राह में आने वाली मुश्किल का रास्ता ढूंढ़ने की कोशिश करती हैं। आपको भी चींटी की तरह ही व्यवहार करते हुए खड़े होकर देखते रहने के बजाए हल निकालने की कोशिश करनी चाहिए। कोशिश करते रहने से चुनौतियां हल होंगी। कुल मिलाकर बात यह है कि अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए विकल्पों की तलाश करते रहें।

प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए पहले से तैयारी :

आपको चींटी और टिड्डे की कहानी तो याद ही होगी। गर्मियों में चींटियां बारिश के मौसम के लिए भोजन जमा करते देखा जा सकता है, जबकि टिड्डा मौज-मस्ती में व्यस्त रहता है। मोटी सी बात यह है कि चींटियां जानती है कि अच्छा समय हमेशा नहीं रहेगा। यानी जब सब कुछ व्यवस्थित भी चल रहा हो तो यह न सोचें कि मुश्किल आपकी ओर नहीं आ सकती। इसलिए आगे देखते हुए हमेशा ध्यान रखिए कि सब दिन एक जैसे नहीं होते।

बेहतर की उम्मीद :

ठंड में ठिठुरते हुए भी चींटियां गर्मियों के आने का इंतजर करती रहती हैं। मौसम बदलता देखते ही वह नए काम में जुट जाती हैं। आपको भी मुश्किलों को कभी खत्म न होने वाली न मानते हुए अच्छे का भरोसा रखना चाहिए। सकारात्मक रवैया रखना हमेशा फायदेमंद होता है। पुरानी कहावत है कि मुश्किल भरे दिन हमेशा नहीं रहते, लेकिन हिम्मती लोग हमेशा बने रहते हैं।

हरसंभव कोशिश कीजिए :

आप जितना अधिक काम कर सकते हैं, उसकी कोशिश कीजिए। सीखने और आगे बढ़ने के लिए यह जज्बा होना जरूरी है। चींटी यह कभी नहीं सोचती कि दूसरी चींटी कितना भोजन जमा कर रही है। अधिकतर स्थितियों में सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है जो काम में अपना 100 फीसदी देते हैं। अगली बार अगर संभव हो तो आप भी अपनी गुंजाइश से थोड़ा अधिक काम करके देखिए।