नई दिल्ली: आखिरकार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने पद से इस्तीफा दे ही दिया। एक नाटकीय घटनाक्रम के बाद केजरीवाल की सरकार महज 49 दिनों में खत्म हो गई। दरअसल दिल्ली विधानसभा में जैसे ही स्पीकर ने ऐलान किया कि दिल्ली सरकार का जनलोकपाल बिल विधानसभा पास नहीं हो पाया। उसके तुरंत बाद केजरीवाल ने पद से हटने के संकेत दे दिए थे।
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दरअसल आज दिनभर दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल को लेकर हो-हंगामा होता रहा। हंगामे के बीच सरकार ने बिल विधानसभा में पेश कर दिया। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने उप-राज्यपाल की चिट्ठी का हवाला देते हुए वोटिंग की मांग की। और फिर वोटिंग के दौरान इस बिल के खिलाफ 42 वोट पड़े जबकि बिल के पक्ष में महज 27 वोट पड़े। इसके बाद केजरीवाल ने विधानसभा में कह दिया था कि उनका विधानसभा में ये आखिरी सत्र हो सकता है।
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गौरतलब है कि केजरीवाल ने ऐलान किया था कि अगर जनलोकपल बिल पेश नहीं होने दिया गया तो वे पद से इस्तीफा दे देंगे। और आज उन्होंने अपने वादों को निभाते हुए सरकार से इस्तीफा दे दिया। हालांकि उन्होंने कहा कि वो भ्रष्टाचार के खिलाफ सड़क से संसद तक संघर्ष करते रहेंगे। इस्तीफे के बाद केजरीवाल ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बीजेपी और कांग्रेस पर सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए खूब खरी-खोटी सुनाई। [bannergarden id=”17″]