बीएसए का खेलः निलंबन के दौरान ही हो गया शिक्षक का प्रमोशन

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फर्रुखाबाद: बेसिक शिक्ष विभाग ने एक ओर जहां कतिपय कारणों से उच्च न्यायालय के ओदशों की धज्जियां उड़ाकर जहां एक ओर प्रोन्नति सूची जारी कर दी वहीं इस सूची में ऐसे शिक्षकों को भी उपकृत कर दिया गया जो विभिन्न कारणों से निलंबित चल रहे थे।

bsa bhagwat sharan patel (1)विदित है कि उच्चन्यायाल ने शिक्षकों की प्रोन्नति के विषय में शासन की ओर से जारी नवीन शासनादेश के विरुद्ध दायर याचिका के निस्तारण तक प्रोन्नति पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद बीएसए फर्रुखाबाद भगवत पटेल ने अव्वल तो न्यायालय की अवमानना तक की परवाह किये बिना प्रोन्नति सूची जारी कर दी। वहीं एक शिक्षक देवेंद्र सिंह प्रधानाध्यापक सितवनपुर पिसू भवन निर्माण में धांधली के आरोप में निलंबित चल रहा थे, उनका भी प्रमोशन इसी गांव के जूनिय हाई स्कूल में कर दिया गया है। एक अन्य शिक्षक राजवीर सिंह यादव भी भवन निर्माण में निलंबन के दौरान ही उसी गांव के उच्चप्राथमिक विद्यालय में प्रोन्नति पा गये हैं।
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10 दिन पूर्व जनपद के 07 ब्लाकों से 452 सहायक अध्यापकों को पूर्व माध्यमिक तथा प्राथमिक के प्रधानाध्यापकों से पूर्व माध्यमिक विध्यालय के प्रधानाध्यापक पद हेतु आपत्तियां मांगी गयी थीं जिसमें बढ़पुर व्लाक में 29, राजेपुर में 63, नवावगंज में 25, मोहम्मदाबाद में 45, शमसाबाद में 48, तथा कायमगंज व कमालगंज के लिये भी शिक्षकों से से आपत्तियां मांगी गयीं थीं। गत दिनों शिक्षकों द्वारा आपत्तियां दाखिल होने के बाद पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्याप पद की 256 की सूची वेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जारी की गयी। आश्चर्य की बात यह है कि 256 अध्यापकों में 51 सहायक अध्यापकों को उन्हीं के विद्यालय में प्रधानाध्यपक पद पर लम्बा सुविधा शुल्क लेकर प्रधानाध्यापक वना दिया गया जोकि शासनादेश के खिलाफ है। शासनादेश में शिक्षकों की प्रोन्नति के बाद उसे दूसरे विद्यालय में स्थानान्तरण किया जाता है शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में न भेज कर शासनादेश की धज्जियां उड़ाई गयीं। शहर से सटे बढ़पुर व्लाक में 28 नवीन प्रधानाध्यापकों से मोटा सुविधा शुल्क लेकर उन्हें उनकी मनमर्जी के विद्यालय सौंप दिये गये तीन शिक्षकों को सुविधा शुल्क न देने पर उन्हें राजेपुर व्लाक में भेज दिया गया।
इसके अलाबा अन्य 6 ब्लाकों में भी शिक्षकों से भारी सुविधा शुल्क लेकर उन्हें उनके मनमुताविक विद्यालय सौंप दिये गये। जितना मोटा सुविधा शुल्क शहर से सटे हुये उतने अच्छे विद्यालय नये प्रधानाध्यापकों को दिये गये। इससे पूर्व जून माह में प्राईमरी सहायक के जूनियर सहायक बनाने के प्रोन्नति में भी लाखों रूपये का सुविधा शुल्क चल चुका है।